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    SMS अग्निकांड में 16 से ज्यादा मरीजों को बचाया:चिल्लाने की आवाज सुनकर दौड़े, खिड़कियों के कांच तोड़े; मरीजों को उठाकर बाहर निकाला

    3 weeks ago

    जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार रात आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। इस खौफनाक मंजर में तीन ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना 16 से ज्यादा मरीजों की जान बचाई। आईसीयू से लोगों की चीख सुनकर ये लोग बिना कुछ सोचे-समझे मदद को दौड़ पड़े। अंदर दम घुटने वाला धुआं, लपटें और मौत का डर था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने कुछ मरीजों को बेड सहित तो कुछ को बेडशीट से बाहर निकाला। सांस लेने में दिक्कत होने के बावजूद वे पीछे नहीं हटे और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालते रहे। अब जानिए- हादसे में लोगों की जान बचाने वालों ने क्या कहा... मरीजों को लाकर बिल्डिंग में शिफ्ट किया संतोष देवी ट्रॉमा सेंटर के बाहर दुकान लगाती है। रात में लोगों को बाहर भागते हुए देखा। उन्होंने पूछा, तो लोगों ने बताया कि अंदर आग लगी है। संतोष देवी ने सोचा कि अगर आग लगी है, तो कुछ लोगों को बचाने में मदद करनी चाहिए। वह आग लगने के एक मिनट के अंदर ही मौके पर पहुंच गई थीं। वह अंदर गईं और बेड सहित मरीजों को बाहर निकाला। मरीजों को लाकर पास वाली बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया। स्टोर में आग की लपटें काफी तेज थीं दमकलकर्मी अवधेश पांडे ने बताया कि सूचना मिलते ही वे तुरंत मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने तीन साइड पंप चलाए, जिससे आग बुझाने में मदद मिली। 4 से 5 मरीजों को अंदर से बाहर निकाला। स्टोर में आग की लपटें काफी तेज थी, जिसके कारण वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था। उस स्टोर में करीब 10 से 11 बेड थे। उन्होंने पास वाले आईसीयू वार्ड से भी सभी मरीजों को निकाला, जिसमें पूरी टीम ने मदद की। लोगों के चिल्लाने आवाज सुनकर दौड़ा SMS थाने के कॉन्स्टेबल हरिमोहन ने बताया कि वे ट्रॉमा सेंटर में झगड़े के आरोपी का मेडिकल कराने आए थे। इसी दौरान उन्होंने दूसरी मंजिल से चिल्लाने की आवाज सुनी। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। उन्होंने अपने साथियों को भी घटना की जानकारी दी। इसके बाद उनके साथी कॉन्स्टेबल वेदवीर और ललित भी मौके पर पहुंच गए। फायर विभाग के कर्मचारियों ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर धुएं को बाहर निकालने का प्रयास किया। सांस लेने में तकलीफ होने लगी हरिमोहन ने बताया कि उनकी टीम ने मिलकर करीब 5 से 7 लोगों को बेडशीट से उठाकर बाहर निकाला। धुआं इतना भयंकर था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। ड्रैगन लाइट की वजह से उन्हें दूर तक दिखाई दे रहा था, जिससे उन्हें लोगों को बचाने में मदद मिली। धुएं के कारण सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके कारण मैं, ललित और कॉन्स्टेबल वेदवीर भी इमरजेंसी में 3 घंटे भर्ती रहे। --------------- हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... जयपुर के SMS हॉस्पिटल में आग, 8 मरीजों की मौत:ट्रॉमा सेंटर के ICU में देर रात हुआ हादसा, 6 सदस्यीय कमेटी जांच करेगी 8 जान लेने वाली SMS-अस्पताल की आग 13 तस्वीरों में:ICU के मरीजों को सड़क पर रखना पड़ा, खुद परिजन लेकर भागे; मंत्री पर भड़के जयपुर; परिजन का दावा- जलते मरीजों को छोड़कर भागा स्टाफ:20 मिनट पहले बताया था आग लगी; किसी का मुंह जला, किसी का दम घुटा SMS में आग से मौत,दो दिन बाद छुट्टी मिलनी थी:परिवार बोला- मरीज से हमारी बात हो रही थी, फिर दम तोड़ दिया 'पैरों में कांच चुभ गए, पत्नी को नहीं बचा सका':SMS अस्पताल में आग के बीच अपनों को बचाने घुसे थे लोग,बोले- कंपाउंडर गेट बंद कर निकला
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