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राजस्थान राज्य का डूंगरपुर जिला एक समय था जब राजस्थान में डूंगरपुर जिले को पिछड़ा जिला माना जाता था आज वही डूंगरपुर जिला पूरे देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है और इसका श्रेय जाता है डूंगरपुर जिले के सभापति के के गुप्ता को जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से डूंगरपुर शहर को निखारा है नजारा कोई विदेश के शहर का नहीं अपितु डूंगरपुर शहर का है विदेशी और स्वदेशी पेड़ पौधों के साथ स्वच्छता की बेमिसाल पहचान कायम करने में सफलता हासिल की है तो वह जिला है डूंगरपुर । जहां पर एक भी आवारा पशु सड़कों पर नहीं दिखाई देता और ना ही सड़कों पर कचरा बिल्कुल साफ सुथरा स्वच्छ शहर डूंगरपुर । क्या डूंगरपुर शहर में गौमाता को नहीं पाला जाता क्या डूंगरपुर शहर में लोग कचरा नहीं फैलाते क्या डूंगरपुर शहर में बारिश नहीं होती
लेकिन एक शहर है डूंगरपुर जिले का सागवाडा लाखों रुपए खर्च करने के बाद सड़के भी अच्छी बनी है सडको के बिच मे पोधे और अमेरिकन घास भी लगाई है लेकिन रखरखाव के अभाव में यहां की स्थिति बिल्कुल विपरीत है नगर पालिका की अनदेखी की वजह से शहर के मध्य गुजरती सड़क के बीच पेड़ पौधों का सत्यानाश हो चुका है अमेरिकन घास लगाई गई थी लेकिन गधे चर चुके हैं जगह जगह पर आवारा पशुओं का डेरा दिखाई देता है और सडके गोबर से और कचरे से अटी दिखाई दे रही हैं सभापति के के गुप्ता के सपने को साकार करने में आखिर सागवाड़ा नगर पालिका अपनी भूमिका क्यों नहीं निभा पा रहा है, नगर पालिका सागवाडा आवारा पशुओं के लिए व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है क्यों लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद इन पेड़ पौधों को पानी नहीं दिया गया? सोचने वाली बात है नगर पालिका की नाकामी का एक और उदाहरण पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय सागवाडा । 14 अगस्त को सागवाडा लाइव न्यूज़ चैनल पर चली खबर के बाद भी 6 दिन गुजर जाने के बाद सागवाडा का राजकीय चिकित्सालय ढेड माह से बाहरी तरफ अंधेरे में डूबा हुआ है बाहर की रोड लाइट सहित हाई मास्क लाइट जो राहुल मेडिकल के पास है महीपाल मैदान और डॉक्टर कॉलोनी को रोशनी देती है लेकिन अभी तक बंद है इस बारे में कई बार यहां के लोगों ने शिकायत भी की लेकिन नगरपालिका को कोई फर्क नहीं पड़ता । आपातकालिन स्थिती मे डॉक्टर कॉलोनी से रात के समय अस्पताल आने के लिए डॉक्टरो को काफि समस्याए होती है । लेकिन नगरपालिका को इस संबंध में कोई चिंता नहीं है काश मेरा सागवाडा भी डूंगरपुर शहर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वच्छता और सुंदरता के लिए अपनी पहचान कायम कर पाता