घटना सागवाडा नगर के गामोठवाडा क्षैत्र से पालिका कर्मी श्री हेमंत जी जोशी की 90 वर्षीय माँ और उनके परिवार से उनकी पत्नी और उनकी दो बच्चियों के कोरोना पॉज़िटिव आने के बाद ,उनकी माँ जो कि पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी जिनकी ये स्थिति ही नही थी कि वो वहा जा सके को घरवालों ने होम कोरोंटाइन करने की विभाग से निवेदन किया पर प्रशासन ने 70 साल से ऊपर की उम्र होने के कारण सुरक्षा कारणों से होम कोरोंटाइन करने से इनकार कर दिया और प्रशासन ने उन्हें डूंगरपुर कोविड सेंटर में भेजने की तैयारी कर ली,परिजनों के लाख अनुनय विनय करने के बावजूद चिकित्सा विभाग अपनी ज़िद पर अड़ा रहा और आखिर में कल शाम को 5 बजे विभाग की जिद के आगे परिजनों ने उनके साथ ही पॉज़िटिव आई उनकी बहू और उनकी पोती को साथ मे डुंगरपुर भेजने का निर्णय किया और जब एम्बुलेन्स उनको लेकर डूंगरपुर पहुची तो माजी की तबियत बिगड़ गई थी उनको सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही थी, उनको गेट पर छोड़कर एम्बुलेन्स कर्मी रवाना हो गई ,डेढ़ घंटे तक उनकी सुध लेने वाला कोई नही था , उनकी बहू और उनकी पोती चिल्लाती रही पर हॉस्पिटल विभाग ने उनकी कोई सुध नही ली और आखिर ऑक्सीजन और ट्रीटमेंट के अभाव में माजी ने दम तोड़ दिया ,प्रशासन ने उनको देखने तक कि जहमत नही उठाई ,इसके बाद उनकी बहू ने अपने पति को सागवाडा फोन किया ,आनन फानन में में भी उनके साथ डूंगरपुर पहुचा तो देखा रात को साढ़े 9 बजे तक भी माजी जो कि परलोक सिधार चुकी थी कि सुध लेने वाला कोई नही था,जब हमने वहा पहुँचकर हॉस्पिटल प्रशासन से उनकी जानकारी मांगी तो पहले तो इन्होंने किसी भी प्रकार के रजिट्रेशन से इनकार कर दिया पर जब हमने मानवीय संवेदनाओं के आधार पर उनकी जिम्मेदारी तय करने की बात की ओर तुरंत मीडिया को इसके बारे में जानकारी दी तो ये एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे और अपनी जिम्मेदारी से बचते रहे और जब हमने उनसे कहा कि अब जब आपने केस ही रजिस्टर्ड नही किया है तो क्या हम इन्हें ले जा सकते है तब उन्होंने पलटी मारी और कहने लगे कि केस रजिस्टर्ड हो चुका है और कोरोना की वजह से मौत होने के कारण हम आपको बॉडी नही दे सकते और रात को 10 से साढ़े 10 बजे के बीच मे वो शव को पहली बार देखने आए और शव को मोर्चरी में ले गए तब तक डूंगरपुर तहसीलदार साहब भी आ गए पर और पूरे प्रकरण में चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही , भारी अनियमितता और असंवेदशीलता के कारण एक 90 साल की बूढ़ी माँ ने दम तोड़ दिया ,एक प्रकार से कोरोना काल मे ये चिकित्सा विभाग का क्रूर और असंवेदशील चेहरा सामने आया है, एक बेटे ने अपनी माँ को खो दिया और हाथ मलने के अलावा कुछ नही कर सका,में अपनी इस पोस्ट के माध्यम से आम नागरिकों से यही पूछना चाहता हु कि जिनके भरोसे हम अपने परिजनों को भेजते है जिनको हम भगवान के बाद दुसरे भगवान का दर्जा देते है इनका इस तरह का व्यवहार क्या माफी योग्य है क्या इनकी जिम्मेदारी तय नही होनी चाहिये ,क्या दोषी लोगो को पर कार्यवाही नही होनी चाहिये , खेर हेमंत जी जोशी की माँ तो चल बसी पर आगे किसी ओर के परिजनों के साथ ऐसा ना हो इसके लिये में प्रशासन से मांग करता हु कि जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्यवाही हो और उनको कड़ी से कड़ी सजा दिलाये ताकि लोगो का डॉक्टर के प्रति विश्वास कायम रहे।
धन्यवाद
प्रशासन से बातचीत के आडियो वायरल-
1 https://drive.google.com/file/d/1LA68XLM5AI5i8ntyDIPm6KoR-dNUS2Xc/view?usp=drivesdk
2. https://drive.google.com/file/d/128UmEYIotPIfuO490vuJfhI7QdiWRDgg/view?usp=drivesdk
3. https://drive.google.com/file/d/1b1zNZCZhCwJF6Ukia8aLtuleilhn0kpH/view?usp=drivesdk
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निवेदक-श्याम भट्ट