उदयपुर/ आश्विन माह की शरद पूर्णिमा इस बार 30 व 31 अक्टूबर को है। पंडित प्रशांत पंड्या सागवाडा (हाल मुंबई) के अनुसार पूर्णिमा 30 अक्टूबर को शाम 5: 45 बजे शुरू होगी और 31 अक्टूबर को 8:18 बजे समाप्त होगी। व्रत 30 को मान्य रहेगा और स्नान व अन्य दान-पुण्य के कार्य 31 अक्टूबर को मान्य रहेंगे। गौरतलब है कि इसे आश्विन पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कौमुदी व्रत रास पूर्णिमा आदि कई नामों से भी जाना जाता है।
चांदनी की रोशनी में रखी जाएगी खीर
ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री ने बताया कि सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन चांद अपनी सोलह कलाओं में होता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को चांद से निकलने वाली किरणें अमृत की तरह होती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा वाली रात को खीर बनाकर चांद की रोशनी में पूरी रात रखा जाता है। चंद्रमा की किरणें जब पूरी रात खीर पर पड़ती तो खीर में विशेष औषधि गुण आ जाते हैं। शहर के मंदिरों में भी इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान होंगे। श्रीमद भागवत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण रात्रि में गोपियों के साथ रास करते हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी व्रत भी किया जाता है और माता लक्ष्मी, कुबेर और इन्द्र देव का पूजन और श्री सूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी रात्रि में विचरण करती है और भक्तों को धन-धान्य से पूर्ण करती है।
जगदीशमंदिर के पुजारी रामगोपाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह शरद पूर्णिमा की सेवा होगी। ठाकुरजी को पंचामृत स्नान करवाया जाएगा। रूपहरी झरी (सफेद धमाके) के वस्त्र धारण करवाए जाएंगे। टोपी मुकुट की सेवा होगी। पुजारी हुकुमराज ने बताया कि शाम को जुगल जोड़ी और लड्डू गोपाल हथड़ी में बिराजेंगे। यहां खीर, चपड़ा, ककड़ी, रबड़ी आदि का भोग धराया जाएगा। कोरोना के चलते पांच भजन गाने के बाद महाआरती होगी और ठाकुरजी पुन: गर्भगृह में पधारेंगे। इस अवसर पर पुजारी परिषद और रथ समिति की ओर से मंदिर में खीर का वितरण भी होगा। हालांकि हर वर्ष 5 क्विंटल दूध की खीर का प्रसाद बनता है लेकिन कोरोना के कारण 51 किलो दूध की खीर का प्रसाद ही वितरित होगा भक्तों को
श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी कैलाश चंद्र पुरोहित ने बताया कि मंदिर में शुक्रवार को शरद उत्सव का आयोजन होगा। शाम को ठाकुरजी श्री मदन मोहनजी कमल चौक में बिराजेंगे। पूरे चौक में सफेद बिछायत होगी। ठाकुरजी को विशेष भोग व शृंगार धराया जाएगा। ठाकुरजी के महारास के भाव से सजावट होगी।
श्रीअन्नपूर्णा माताजी धर्मोत्सव समारोह समिति के कार्यक्रम सहयोजक कुंदन चौहान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण इसबार घंटाघर स्थित अन्नपूर्णा माता मन्दिर में 51 किलो दूध की खीर का प्रसाद वितरित होगा। हरवर्ष 1100 किलो का प्रसाद वितरित होता था। इसबार 51 किलो दूध की खीर का प्रसाद वितरित होगा। वही मन्दिर में सोशल डिस्टेंसिग व मास्क पहन कर ही प्रवेश दिया जाएगा।
राधे-कृष्णमंदिर बनकोडा ओडा के महंत देवी सिंह चौहान ने बताया कि आज और कल सांय राधे-कृष्ण मंदिर बनकोडा ओडा मे विशेष पुजा अर्चना कि जाएगी एवं राधा कृष्ण को विशेष श्रृंगारित कर भक्तो को प्रसाद वितरण किया जाएगा।