जिला कोंग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश खोड़निया के नेतृत्व में गृह सचिव महोदय को जिला कोंग्रेस कमेटी का ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन देने में जिला कोंग्रेस अध्यक्ष दिनेश खोड़निया, आसपुर पूर्व विधायक राईया मीणा, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रियकांत पंड्या, पूर्व राज्य मंत्री असरार अहमद खान, वरिष्ठ नेता रोशन दोषी, चि खली प्रधान महेंद्र बरजोड, ब्लॉक अध्यक्ष भरत नागदा, मनोहर सिंह, कृष्णराज सिंह, संगठन महासचिव रतन लाल पटेल, जिला महामंत्री रमेश आशावत, नागेंद्र सिंह लिमडी, राकेश रो त, बच्चू लाल खराड़ी, खातू राम बागड़िया,
माननीय गृह सचिव महोदय राजस्थान सरकार जयपुर
विषय काकरी डूंगरी प्रकरण कि जांच एवं भविष्य में पुनरावृत्ति ना हो इस हेतु सुझाव के संबंध में
माननीय
निवेदन है कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र के शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति के संबंध में आंदोलन उसके बाद भड़की हिंसा व आगजनी जैसी स्थिति भविष्य में दोबारा पैदा ना हो उसके लिए जिला कांग्रेस कमेटी के निम्न सुझाव प्रेषित किए जाते हैं
(1) कांकरी डूंगरी आंदोलन मैं अभ्यर्थियों के अलावा जिन लोगों ने इस आंदोलन को झूठे आश्वासन देकर भड़काऊ, भाषण देकर के छात्रों को भड़काया ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की जाए ।
(2) नेशनल हाईवे जाम करने आगजनी करने एवं लूटपाट करने वाले दोषियों की जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए एवं मात्र शंका के आधार पर किसी भी निर्दोष व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही ना की जाए
(3) आगजनी एवं लूटपाट में जिन लोगों का नुकसान हुआ है उनके लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए !
(4) जनजाति उपयोजना क्षेत्र में भविष्य में नौकरियों को लेकर के किसी प्रकार का असमंजस ना हो कोई आंदोलन पैदा ना हो उसके लिए स्थाई समाधान ढूंढा जाना चाहिए !
(5) जनजाति उपयोजना क्षेत्र के सभी अभ्यर्थियों की वर्षों से मांग है कि राज्य में जनजाति हेतु 12% आरक्षण में से 6% जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के आदिवासी अभ्यर्थियों के लिए अलग से आरक्षित किया जाए साथ ही जनजातीय उपयोजना क्षेत्र के सभी निवासियों को राज्य प्रशासनिक सेवा में अतिरिक्त बोनस अंक दिए जाएं ताकि इस क्षेत्र के युवा भी राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित हो सके !
(6) जनजाति उपयोजना क्षेत्र के कर्मचारी अपने बच्चों की बढ़िया शिक्षा हेतु उपयोजना क्षेत्र से बाहर पढ़ाई कराने हेतु अपना स्थानांतरण राज्य के अन्य जिलों में करवाना चाहते हैं लेकिन स्थानन्तरण पर प्रतिबंध होने के कारण उनका नॉन टीएसपी एरिया में स्थानांतरण नहीं होते हैं एवं यहां नॉन टीएसपी क्षेत्र के कार्यरत कर्मचारियों का एवं नॉन टीएसपी में कार्यरत टिएसपीके कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं हो पाता है जिससे उनके सामने भी विकट समस्याएं हैं अतः जनजाति उपयोजना क्षेत्र में स्थानांतरण पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाना चाहिए ताकि नॉन टीएसपी के यहां कार्यरत 13000 कर्मचारी नॉनटीएसपी क्षेत्र में जाने के बाद रिक्त पदों पर यहां के अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध होगा ।