इस बार भले ही राज्य सरकार ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आह्वान पर इस बार राजस्थान (Rajasthan) में दीपोत्सव को लेकर अलग ही उत्साह नजर आ रहा है ।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विभिन्न संगठनों की ओर से लोकल फॉर वोकल अभियान के तहत मिट्टी से बने दीपक के वितरण और उनको जलाने का अभियान जारी है । ऐसी ही तस्वीर बीती रात नजर आई राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किले चित्तौड़गढ़ पर ।
रानीपद्मावत और राजा रतन सिंह के इतिहास को गवाही देता यह किला गुलाबी सर्दी के बीच गाय के गोबर से बने सवा लाख दीपों से जगमगा रहा था । किले के 11 मंदिर, 9 द्वार और 11 कुंड पर सवा लाख दीपक जलाए गए । सुबह से ही इस आयोजन की तैयारियों में बड़ी संख्या में से समिति के पदाधिकारियों नागरिक जुड़े हुए थे । आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया । इस अवसर पर कामधेनु दीपोत्सव के तहत गाय के गोबर से बने नियम के प्रज्वलन समारोह का आयोजन के सूत्रधार डॉ. विष्णु शर्मा ने बताया कि इस बार कोरोना काल में जब महामारी में त्योहारों का रंग फीका कर दिया है ऐसे समय में समिति की ओर से ऐसी विशेष पहल की गई है, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिले बल्कि गाय के गोबर से बने दीपक के जलने से वातावरण को भी शुद्ध किया जा सकता है । गाय के गोबर से बने दीपक बनाने के लिए चित्तौड़गढ़ में विशेष मशीन लगाई गई और सवा लाख दीपक का वितरण करने का लक्ष्य रखा गया । समिति का मकसद है कि दीपोत्सव के अवसर पर चित्तौड़गढ़ के प्रत्येक घर में गाय के गोबर से बने दीपक जगमगाए । इन्हीं दीपक से इस बार गोवर्धन पूजा की जाएगी ।