दीपावली पर्व पर इस बार नहीं होगी आतिशबाजी पटाखो कि दुकानें बंद नजर आई
राजस्थान राज्य की अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार ने दीपावली पर्व से ठीक पहले आतिशबाजी पर रोक लगाकर समस्त राजस्थान की जनता को दीपावली पर्व पर पटाखे नहीं छोड़ कर दीपावली मनाने का संदेश दिया है ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पटाखे और आतिशबाजी से प्रदूषण फैलता है, एसा राजस्थान कि गहलोत सरकार का मानना है, जबकि यह परंपरा बरसो से चली आ रही है, बड़े बुजुर्गों का मानना है कि दीपावली पर्व पर आतिशबाजी करने से मच्छर और खतरनाक बीमारी फैलाने वाले जीवाणु नष्ट होते हैं ।
इधर राजस्थान सरकार के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर कई फब्तियां कसी जा रही है लोग सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल कर रहे हैं कि
- पटाखे 2 प्रकार के होते हैं।
1 अच्छे पटाखे
2 बुरे पटाखे
1 अच्छे पटाखे:- वे पटाखे जो अंग्रेजी नववर्ष, क्रिसमस आदि त्योहारो तथा नेताओ की जीत पर फोड़े जाते है। अच्छे पटाखे कहलाते हैं।
इन पटाखो के फोड़ने से भाईचारा सौहार्द ओर अमन-चैन बढ़ता है और पर्यावरण शुद्ध होता है और शांति का वातावरण निर्मित होता है।।
2 बुरे पटाखे:- यह पटाखे आमतौर पर दीवाली नामक त्योहार पर चलाये जाते है इनसे ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ अशांति बढ़ती है साथ ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है।
वैसे देखा जाए तो व्यापारी पहले ही लॉकडाउन की की मार झेल चुके हैं और बाजार आर्थिक मंदी को जेल चुका है । फिर भी राजस्थान सरकार का यह फैसला एक तरफ से दोबारा बाजारों को प्रभावित करेगा । इधर इस फैसले से पटाखों की कालाबाजारी बढ़ने के बहुत ही आसार दिखाई दे रहे हैं क्योंकि शहर के बाजारों में आतिशबाजी की दुकानें बंद नजर आ रही है । वही लोग चोरी-छिपे पटाखों को बेच रहे हैं और वह भी उँचे दामों में ऐसे में कालाबाजारी का बहुत ही बड़ा कारनामा दीपावली पर्व पर देखा जा सकता है । वहीं अगर देखा जाए तो कुछ दिन पहले ईद के मौके पर जमकर आतिशबाजी हुई लेकिन उस समय किसी भी तरह का प्रदूषण या रोक लगाना सरकार ने उचित नहीं समझा।
इधरराजस्थान सरकार ने पटाखो पर पाबंदी लगाते हुए अगर कोई व्यापारी पटाखे बेचते हुए पाया जाता है तो ₹10000 का जुर्माना तय किया है वहीं पटाखे चलाने वालों पर ₹2000 का जुर्माना तय किया हुआ है