कडवा है पर सच है ।
पुछता है वागड लाईव -------->
कोरोना वायरस इतना खतरनाक है तो फिर लोग ठिक केसे हो रहे है? लोगो मे लक्षण नजर नही आ रहे है तो न जाने कितने बिना लक्षण के कोरोना पोजेटीव लोग बाजार मे घुम रहे है, अगर कोई पोजेटीव है और वह बाजारो या सार्वजनिक स्थलो पर घुमता है तो दुसरे लोगो पर इसका असर क्यु नही दिखाई देता? सुरुआती दोर मे लोकडाउन के दोरान बाहरी राज्यो से लोगो को आने जाने कि पाबंदी और 14 दिन के लिए क्वारंटाईन करने कि व्यवस्था थी तो अब सुबह वाली गाडी से मुंबई और शाम वाली गाडी से दिल्ली आने जाने वाले लोगो का क्या होगा ? अगर अब एसा कुछ नही है तो पहले लोकडाउन क्यु किया? जब पहले लोकडाउन किया तो एक महीने का और क्यु नही बढाया ? जब सबकुछ सामान्य होने लगता नजर आया तो थोडा और इंतजार क्युँ नही किया? जब लोग चंद्रमा पर पहुचने कि और पाताल से पानी निकालने कि टेक्निक मे पारंगत है तो बिना लक्षण वाले कोरोना कि वेक्सिन बनाने मे साइंटीस्ट इतनी देर क्यु कर रहे है? अचानक चुनाव सर पर आते देख कर कोरोना पोजेटीव के आकडे कहा गायब हो गए ? राजनीतिक पार्टी जब सभाए करे या कोई कार्यक्रम होतो कोई दिक्कत नही लेकिन सामाजिक कार्यक्रम मे कोरोना इतना जोर क्यु पकड रहा है?
जब कोरोना संक्रमण से व्यक्ति मर रहा है तो किसी एक बॉडी का पोस्टमार्टम कर पता क्यु नही किया जा रहा है कि आखिर इसके मरने कि असली वजह क्या है ? जब पेरासिटामोल से कोरोना का इलाज हो रहा है तो फिर लोकडाउन करने कि जरुरत कहा पडी ? सबसे बडी बात यह है कि आए दिन वायरल बुखार सर्दी जुखाम से भरे रहने वाले हॉस्पिटलो मे अचानक मरिजो कि संख्या मे कमी केसे हुई ? जब इसका कोई इलाज ही नही है तो प्राईवेट होस्पिटल लाखो का बिल बना कर कोरोना पोजेटीव मरिज को ठिक केसे कर रहे है? और सबसे बडी बात तो यह है कि पिछले छ सात महीने से सिर्फ कोरोना संक्रमण से ही लोग मर रहे है तो बाकि बिमारी कहा घुम हो गई ?
अब भारत मे सफलता हासिल नही हुई तो कोरोना संक्रमण कि दुसरी लहर को क्यु चलाया जा रहा है? पहली लहर से संतुष्ट क्यु नही हुए?
अगर कोरोना संक्रमण इतना खतरनाक था तो सरकार ने लोकडाउन मे इतनी जल्दि ढील क्यु दी? स्थिती पुरी तरह नियंत्रण मे आने तक लोकडाउन क्यु नही बढाया? वेश्विक महामारी को ध्यान मे रखते हुए अभियान चला कर घर घर जाँच क्यु नही कि जा रही है? आश्चर्य करने वाली बात तो यह है कि जिसने जाँच ही नही करवाई वह व्यक्ति पोजेटीव केसे हो रहा है, और दो अलग अलग सेंटरो पर जाँच करवाने पर दोनो कि रिपोर्ट अलग क्यु आ रही है? पहले दिन जाँच मे पॉजिटिव तो दुसरे दिन नेगेटीव इतना जल्दि कोरोना पिछा छोड रहा है तो फिर लोकडाउन और इतना बवाल क्युँ?
सबसे विनम्र अपिल है सरकार ने कहा है दो गज कि दुरी चार गज दुर रहो, मास्क है जरुरी तो सर्दी आ गई है पुरा सरीर कवर रखे, हाथ धोना आपकि स्वच्छता और शुद्धता लाएगा ।
अपने आपको सुरक्षित रखे स्वस्थ रहे मस्त रहे ।
बाकि हम सब समजदार है बोलेगा कोई नही