दीपावली का त्योहार दीपोत्सव के साथ साफ सफाई और स्वच्छता का प्रतीक है अंधेरे को दूर कर रोशनी लाने वाला त्योहार दीपावली ।
गंदगी को दूर कर शुद्धता और ताजगी का एहसास कराने वाला त्यौहार है दीपावली ।
लेकिन दीपावली के दिन भी नहीं हुई सफाई ।
सागवाड़ा राजकीय चिकित्सालय की सरकारी दबाकर के पास गंदगी का ढेर लगा हुआ मच्छर बिन बिनाते हुए और हालत इतनी खराब कि वहां पर कुछ दूरी पर पीने के लिए पानी कि प्याऊ लगी हुई है लेकिन इतनी गंदगी में कौन भला पानी पीने जाए ।
वहीं दूसरी तरफ कोरोना वार्ड जहां पर एक भी मरीज भर्ती नहीं है फिर भी कोरोना वार्ड की सफाई नहीं हो पा रही है अगर यहां पर मरीज होते तो सफाई की व्यवस्था पर कौन देता ध्यान जबकि पूरा वार्ड खाली पड़ा हुआ है फिर भी बाहरी हिस्से में भी सफाई नहीं दिखाई दी मुख्य द्वार को कोरोना वार्ड के साथ जोड़ देने के बाद सागवाड़ा राजकीय चिकित्सालय की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि चिकित्सालय के सामने दिन में ओपीडी समय में पेर देने की जगह नहीं मिलती है आपातकालीन स्थिति में 108 एंबुलेंस को बाहर ही खड़ा करके मरीज को जैसे तैसे करके अस्पताल के अंदर ले जाना पड़ रहा है कई बार प्रसुताओ को मुख्य द्वार पर लाने के बाद अंदर ले जाने के लिए जगह नहीं मिलने पर मुख्य द्वार पर डिलीवरी हो जाती है । सरकारी एंबुलेंस को भी चिकित्सालय परिसर में दिन के समय में आने का मार्ग नहीं मिल पाता है । मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के मोटरसाइकिल और कार से भरे हुए सागवाड़ा राजकिय चिकित्सालय को देखने पर पता चलता है कि इस पार्किंग में वाहन खड़ा करना दिन के समय में मुमकिन नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी लंबे समय से सभी परेशानी उठा रहे हैं लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है कोरोना वार्ड में एक भी मरीज नहीं होने के बाद भी राजकिय चिकित्सालय के सामने पूरी बावंट्री को घेरकर अच्छा खासा पार्किंग बर्बाद किया गया है ।
अब कब तक आखिर परेशानी उठाएंगे मरिज ।
दूसरी तरफ सरकारी दबाकर के सामने कोरोना वार्ड का रास्ता होने की वजह से बुजुर्ग जो रिटायर हो चुके हैं अपनी दवाई लेने के लिए सरकारी दवाघर पहुंचने के लिए ईधर उधर भटकते हैं । पेंशनरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।