सागवाड़ा। समानता मंच की बैठक रविवार को भीलूड़ा में श्रीरघुनाथ मंदिर के पास हुई। मंच के संरक्षक दिग्विजय सिंह चूंडावत के सानिध्य में बैठक हुई। जिसमें मंच से जुड़े टीएसपी क्षेत्र के उदयपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों के कई कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा कर आगे की रणनीति तैयार की गई।
समानता मंच के संरक्षक दिग्विजय सिंह चुंडावत ने आक्रोश जताते हुए कहा कि पंचायत चुनावों में डूंगरपुर और बांसवाड़ा के उप प्रमुख का पद भी सामान्य और ओबीसी वर्ग ने खो दिया है। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों बडे दलों के बड़े नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन नेताओं ने अपने बच्चों को सामान्य सीट से चुनाव लड़ा कर उप जिलाप्रमुख बनाया है। वे अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए राजनीति कर रहे हैं, उन्हे जनता से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि अब इस क्षेत्र में नई परंपरा शुरू हो गई है, सामान्य, ओबीसी एसटी – एससी को आपस में लड़ाने की। चुंडावत ने कहा कि वर्ग संघर्ष की स्थिति वही लोग पैदा कर रहे हैं जिनको राजनीतिक लोभ है। चुंडावत ने कहा कि समानता मंच किसी एसटी – एससी के विरोध में कभी नहीं बोलता, यहां जन्म लिया है यहां रहेंगे हमें कभी कोई नहीं निकाल सकता। उन्होंने कहा कि अगर रीट भर्ती में सामान्य और ओबीसी वर्ग को कोई छूट मिलती है तो उसका फायदा भी आरक्षित वर्ग सहित सभी वर्गों को मिलेगा। चुंडावत ने कहा कि पहले टीएसपी क्षेत्र में 60 लाख की आबादी थी। अब दायरा बढ़ाने से जनसंख्या बढ़कर करीब एक करोड़ हो गई। टीएसपी क्षेत्र का विस्तार कर दिया लेकिन उसके अनुरूप भर्तियों में पद नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। कोई भी नेता इस बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने क्षेत्र का आपसी भाईचारा बनाए रखने की बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों की खातिर यहां के सामान्य आम आदिवासी भाईयो को परेशान होना पड़ रहा है। यहां की गंगा जमुना तहजीब को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। समानता मंच कोई राजनीतिक मंच नहीं है यह इस क्षेत्र को समानता का अधिकार देने का मंच है, जो कानून की हद में रह कर संघर्ष कर रहा है। चूंडावत ने बताया कि मुख्य विषय रीट भर्ती में सामान्य और ओबीसी वर्ग को छूट देने की मांग है। इसे लेकर 28 दिसंबर को जनजाति विभाग डिविजनल कमिश्नर उदयपुर के कार्यालय में सामूहिक ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। जिसका सभी सदस्यों ने समर्थन किया। कमलेंद्र सिंह ने सरकार को चेतावनी के लिए सामान्य और ओबीसी वर्ग का संख्या बल बताने की बात कही। साथ ही कहा कि अप्रैल में होने वाली रीट भर्ती में कोई लाभ नहीं दिया है। उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में रोस्टर प्रणाली की मांग की साथ ही कहा कि इस पिछड़े क्षेत्र में आदिवासी भाईयो को जो लाभ मिल रहे हैं वही लाभ हर वर्ग को मिलने चाहिए। बैठक में अन्य प्रमुख वक्ताओं में तुलजा शंकर भट्ट ने टीएसपी क्षेत्र में अनुसूची 9 के अंतर्गत आने वाले सभी परिलाभों को लागू करवाने की बात रखी। जीवन लाल पाटीदार ने रीट भर्ती में 5% छूट लागू करने के लिए तैयारी के साथ सरकार से मांग करने की आवश्यकता जताई। राजेश पाटीदार चीखली ने समानता मंच को 36 कौम को साथ लेकर चलने वाला मंच बताते हुए कहा कि जनरल व ओबीसी वर्ग को उनका टीएसपी का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने संगठित रहकर मंच को मजबूत करने का आह्वान किया। एडवोकेट कल्पेश रावल ने राजनीतिक क्षेत्र में सामान्य और ओबीसी वर्ग का वर्चस्व कायम रखने की बात करते हुए कहा कि विधान परिषद में और पंचायत राज में हमारा प्रतिनिधित्व होना चाहिए। यशपाल राणावत ने कहा कि मंच के प्रयासों से जो भी युवा सरकारी सेवा में लगे हुए हैं वह तन, मन, धन से समर्पित होकर मंच को सहयोग करें। मुकेश पाटीदार नौगामा ने कहा कि टीएसपी एरिया का विस्तार किया गया परंतु भर्तियों में पदों की बढ़ोतरी नहीं की गई। जिससे यहां के युवाओं को नुकसान हो रहा है।
जनसंख्या के आधार पर पद बढ़ाने चाहिए। विजय मंडावत उदयपुर ने मंच की मजबूती के लिए राजनीति से हटकर सिर्फ मंच की मजबूती पर ही चर्चा और कार्य करने की आवश्यकता बताई। सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि मंच की मांगों को नजरअंदाज नहीं करें। श्याम भट्ट ने कहा कि मंच के कार्यों से जो नौकरी में लगे हैं वह आगे आए और मंच को सहयोग करें। धीरज मेहता ने मंच की दशा दिशा को बदलने और मजबूत करने की बात कही। आने वाले समय में नई पीढ़ी को बचाने के लिए एकजुटता को जरूरी बताते हुए कहा कि राजनीतिक पदों को त्याग कर मंच को मजबूत करना होगा। शिव शंकर पाटीदार भेमई ने कहा कि किन्ही राजनीतिक लोगों द्वारा ओबीसी को बांटने के लिए कार्य किया जा रहा है। उस पर ध्यान नहीं देना है और मंच को पूरी ताकत के साथ सभी वर्गों के हित में काम करना है। मंच को संबल देकर ही सामान्य जनता को लाभ मिल सकता है । दिग्विजय बांसवाड़ा ने सभी वर्गों को साथ में लेकर चलने की बात कही। उन्होंने अगला कार्यक्रम उदयपुर संभाग स्तर पर रखने का प्रस्ताव रखा। बद्री नारायण शर्मा ने कहा कि जिस उद्देश्य व लक्ष्यों को लेकर मंच का निर्माण हुआ था, उसको पूरा करने के लिए एकजुटता का परिचय देने का समय आ गया है। बाहरी विघटनकारी जो ताकतें टीएसपी क्षेत्र के माहौल को बिगाड़ना चाहती हैं, उन से सावधान रहना होगा।
अरुण पाठक आरा ने कहा कि मंच को मजबूत करने और उसके साथ जुड़े रहने की जरूरत है। रविंद्र आंजना ने बताया कि समानता मंच की सक्रियता के कारण इस क्षेत्र में सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगों को भर्तियों में फायदा मिला है। देवीलाल धावड़ी ने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में ओबीसी को भर्तियों में जनरल माना गया है उसे ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट लेने में भी परेशानी होती है। ऐसे में ओबीसी वर्ग के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने भर्तियों में सामान्य और ओबीसी के लिए 50% की मांग उठाई। सुषमा पंड्या ने कहा कि जो भी समानता मंच आव्हान करता है उसको पूरा करना है। सब को सहयोग देना है, संख्या बल से ही अपनी मांगों को पूरा किया जा सकता है। राजनीतिक लबादे को जब तक नहीं हटाएंगे तब तक समानता मंच को अपेक्षित मजबूती नहीं दे पाएंगे। केपी सिंह ने मंच से नए लोगों को जोड़ने की बात कही। सुशील जैन ने व्यापारी वर्ग की तरफ से मंच को सहयोग और समर्थन देने के लिए आश्वस्त किया। हेमेंद्र सिंह टोकवासा ने मंच की ताकत को और बढ़ाने की जरूरत बताई। इस अवसर पर सुनील पंड्या, विष्णु राम पाटीदार, जनक पंड्या, मुनीर शहजाद, हरी विठ्ठल पाटीदार, शिवराम पाटीदार , भूपेंद्र सिंह, प्रदीप भट्ट समेत टीएसपी क्षेत्र के सभी जिलों के मंच के कार्यकर्ता और वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। संचालन प्रदीप पंड्या ने किया।