आदिवासी परम्पराओ की रक्षा करने संकल्पबद्ध हो-विधायक राजकुमार
विश्व आदिवासी दिवस पर हुए कई कार्यक्रम
डूंगरपुर। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय उंटिया में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए, जिसमें विधायक रोत का सम्मान किया गया। इसके पश्चात विश्व आदिवासी दिवस के विषय पर उद्बोधन दिया गया, साथ ही कार्यक्रम में सम्मिलित सदस्यों एवं ग्रामीणों के साथ गैर खेली गई और समारोह के अंत में पौधरोपण कर पर्यावरण की अहमियत बताई।
दोपहर में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सांसरपुर में विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें समाज सेवक भंवर परमार ने अपने विचार व्यक्त कर आदिवासी समाज में जागरूकता लाने हेतु समझाया। विधायक राजकुमार रोत ने संयुक्तराष्ट्र के द्वारा स्वीकृत विश्व आदिवासी दिवस की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए समाज की विश्व स्तरीय पहचान, परंपरा, वेशभूषा इत्यादि की रक्षा करने, इसे समझने की बात रखी। इसके बाद गैर नृत्य, अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं नवीन राजकीय सेवाओं में लगे युवाओं, और खेल में क्षेत्र का नाम रोशन करने वाले सभी का सम्मान किया गया। उक्त कार्यक्रम में बंशीलाल रोत (भूतपूर्व जिला शिक्षा अधिकारी), जीवनप्रकाश गमेती (भूतपूर्व जिला शिक्षा अधिकारी), लीलाराम (सरपंच पाडली गुजरेश्वर), गोपाल रोत, लोकेश रोत , शकरलाल पूर्व उपसरपंच, लक्ष्मण डिण्डोर , शिवराम कटारा (पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष), बापुलाल डामोर (पूर्व मण्डल अध्यक्ष), हरिश रोत, दिपक गमेती, इस प्रकार समस्त सासरपुर पाल के नागरिक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पाल सासरपुर के प्रतिभावान छात्र-छात्रों को सम्मानित किया। द्वितीय ग्रेड शिक्षक में अशोक कुमार रोत, एमबीबीएस में चयन होने पर भावेश डिण्डोर, पुलिस कानिस्टेबल में चयन होने पर राजकुमार भणात , तृतिय श्रेणी अध्यापक बनने पर जयन्तिलाल अहारी, रितेश खराडी। इस प्रकार लगभग 50 प्रतिभावान छात्र-छात्रों को तिर कमान, आदिवासी घड़ी, भीलप्रदेश कलेण्डर व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया।
सायं 4 बजे ग्राम पंचायत कोचरी में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया, जहां पर समाज द्वारा गैर नृत्य व सम्मान समारोह किया गया। इसके पश्चात विधायक रोत ने विश्व आदिवासी दिवस पर भाषण देकर इस दिन की अहमियत समझाई।
इन सभी कार्यक्रमो में विश्व आदिवासी दिवस का परिचय, आदिवासीयो के हक अधिकार, संस्कृति रिति रिवाज, आदिवासीयो के एतिहासिक महापुरुषों के बारे में सभी वक्ताओं ने अपना वक्तव्य दिया। इसमें मुख्य रूप से 5 वीं अनुसूची के तहत अनुसूचीत क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था लागु किया जाये, प्रशासनिक सेवा में 12.50 % में से 6.50% अलग से आरक्षण व्यवस्था लागु की जावे और वन क्षेत्र, बिलानाम व चारागाह भूमि पर बरसों से रह रहे आदिवासी समाज के निवासियों को मालिकाना हक दिया जावे, प्रकृति की केसे रक्षा की जावे। इस प्रकार कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई।