पितृ पक्ष श्राद्ध में पूर्वजों की आत्मा की शांति को दान पुण्य में कौओं की कमी खल रही है। श्राद्ध में कौओं को भोजन खिलाने की प्रक्रिया में पक्षी ढूंढे नहीं मिल रहे हैं।
पंडितों के अनुसार अग्नि पूजा, गौ ग्रास, ब्राह्मण भोज, कुत्ता ग्रास के साथ कौए को खाना खिलाने का अहम महत्व रहता है। इस सारी विधि को पूरा करके ही पितृ पक्ष खुश होते हैं। श्राद्ध के दौरान शुभ कार्यों पर भी पूरी तरह से विराम लग गया है। इस बार यह 6 अक्तूबर तक अमावस्या के साथ संपन्न होंगे। इस दौरान पितृ के लिए विशेष पूजा अर्चना भी करवाई जाएगी। धर्म शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जिस घर में स्त्री रोजाना पंच यज्ञ में अग्नि पूजा, गौ ग्रास, ब्राह्मण भोज, कौआ ग्रास और कुत्ता ग्रास करवाती है, वहां कभी भी कष्ट नहीं होते हैं।
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इसमें प्रमुख रूप से किसी ब्राह्मण को भोजन खिलाने के बाद अन्य चारों विधियों को पूरा करना होता है, लेकिन शहर और आसपास के इलाकों में मोबाइल टावरों से निकलने वाले रेडिएशन ने छोटे पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया है। पिछले कुछ सालों में इन टावरों के लगने के बाद ये सारी प्रजातियां लगभग विलुप्त हो गई हैं।
इसमें कौए भी प्रमुख हैं। पितृ श्राद्ध में कौआ ग्रास का काफी महत्व है, लेकिन कौओं के गायब हो जाने से लोगों को लग रहा है कि उनकी पूजा-अर्चना निष्फल हो रही है। कुछ साल पहले तक एक-दो बार कायं-कायं बोलने पर छतों पर कौओं की भीड़ पहुंच जाती थी, लेकिन अब किसी की छत पर कौओं का पहुंचना किस्मत की तरह रहता है। बाबा लाल द्वारा मंदिर, सर्कुलर रोड के पंडित राज भूषण के अनुसार पितृ पक्ष में कौए को भोजन खिलाने का काफी महत्व है। इस विधि को पूरा करने के बाद ही पितृ के लिए किए गए दान पुण्य का मोक्ष मिलता है।
इसके अलावा पितृ श्राद्ध के दौरान जिन लोगों ने गया श्राद्ध (जो तीर्थ स्थलों पर किए जाते हैं) नहीं करवाए होते हैं, वे इन श्राद्धों में पिंड दान करवाएंगे। ये दान दिवंगतों को मिलता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृ श्राद्ध में कोई भी शुरू किया गया शुभ कार्य सफल नहीं हो पाता है।
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आज के गौग्रास के यजमान-
(1) कमलेश सिंह राव पुत्र भीमसिंह राव निवासी गलियाकोट द्वारा पिता भीमसिंह राव एवं काका गुलाब सिंह राव के श्राद्घ पर
(2) ललित पंचाल पुत्र शुभेन्द्र पंचाल निवासी सागवाड़ा द्वारा
पिता स्व. शुभेन्द्र पंचाल के श्राद्ध पर
(3) मोहन मेहता पुत्र जगन्नाथ मेहता निवासी शिवकोलोनी सागवाड़ा द्वारा माता स्व. भगवती देवी के श्राद्ध पर
(4) हिरालाल पुत्र गोकल पाटीदार निवासी पाडला गोकलीया द्वारा पित्रो की स्मृति मे श्राद्ध पर
(5) भुपेश पुत्र लक्ष्मणलाल दर्जी निवासी सागवाड़ा द्वारा अपने पिता स्व लक्ष्मण लाल के श्राद्ध पर