कडाणा सरकारी जमीन पर नामांतरण खोलने की खोखली हकीकत
आखिर असली गुनहगार कौन और किसे मिली सजा?
डूंगरपुर जिले का बहुचर्चित प्रकरण सागवाड़ा नगर पालिका क्षेत्र की कडाणा सरकारी जमीन पर नामांतरण खोलने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। और इसकी वजह से जिला कलेक्टर ने सागवाड़ा तहसील की तहसीलदार डॉक्टर मयूर शर्मा, गिरदावर मुकेश भोई, और पटवारी को आनन-फानन में निलंबित कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि राजस्व विभाग का इतना बड़ा घोटाला और इसमें गुनहगार तहसील स्तर के यह तीन अधिकारी और कर्मचारी। इस पर सरकारी जांच चल रही है। और तीनों को निलंबित कर दिया गया है। तहसीलदार का कहना है कि उन्होंने सरकार के आदेशों की पालना की है। अपनी ओर से उन्होंने किसी जमीन पर नामांतरण खोलने की कोई कार्यवाही नहीं की है। तो आखिर निलंबन क्यों?
16 जून 2022 को शासन उप सचिव राजस्थान सरकार ने कडाणा में अवाप्त की गई भूमि का मूल खातेदार को लौटाने के संबंध में जिला कलेक्टर डूंगरपुर को एक पत्र लिखा गया है।
जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि पुनर्वास और पुनर्वास स्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 30 की धारा 26 की उप धारा (2) सपठित अनुसूची प्रथम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भूमि अवाप्ति अधिनियम की धारा 101 के अनुसार एवं इन अधिनियम की धारा 48 की उप धारा (1) के अनुसार मौजा मडकोला ग्राम गोवाडी तहसील सागवाड़ा जिला डूंगरपुर में स्थित कडाणा पुनर्वास सागवाड़ा के नाम दर्ज भूमि खसरा संख्या 850, 852, 853, 854, अधिशेष रकबा क्रमशः उक्त ऊपर दर्शाए गए फोटो के अनुसार भूमि कडाणा पुनर्वास विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के उपयोग में नहीं आने से अधिशेष है एवं दिनांक 13 मार्च 1989 से लगातार मौके पर पड़त होने से एवं उक्त भूमि की आवक होने से पूर्व के मूल खातेदार के वारिसान (नजमा फातेमा) को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। यह पत्र बकायदा राजस्थान सरकार राजस्व भू अभिलेख विभाग द्वारा डिस्पैच कर निकाला गया है। जिसे फर्जी करार दिया गया है।अब हम बात करते हैं कार्यालय जिला कलेक्टर डूंगरपुर की। जब शासन उप सचिव द्वारा यह पत्र जिला कलेक्टर को भेजा गया तो अतिरिक्त जिला कलेक्टर डूंगरपुर ने 22 जुलाई 2022 को शासन उप सचिव राजस्थान सरकार के आदेशों की पालना में कडाणा बांध में व्याप्त की गई भूमि को मुल खातेदार को लौटाने के संबंध में एक पत्र उपखंड अधिकारी सागवाड़ा को आदेशित किया।
जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से दर्शाया कि उप सचिव महोदय राजस्व (ग्रुप- 6) विभाग राजस्थान सरकार जयपुर के प्रासंगिक पत्र मौजा मडकोला ग्राम गोवाडी तहसील सागवाड़ा जिला डूंगरपुर में स्थित कडाणा बांध में अब तक की गई भूमि को मूल खातेदार को लौटाने के संबंध में हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई हेतु उपखंड अधिकारी को निर्देशित कर दिया। शासन उप सचिव राजस्थान सरकार के आदेशों की पालना जिला अतिरिक्त कलेक्टर ने अपनी तरफ से कर ली।
अब बात करते हैं उपखंड अधिकारी सागवाड़ा की
27 जुलाई 2022 को उपखंड अधिकारी सागवाड़ा ने जिला अतिरिक्त कलेक्टर के आदेशों की पालना में कडाणा बांध में व्याप्त की गई भूमि को मूल खातेदार को लौटाने के संबंध में तहसीलदार सागवाड़ा को आदेशित कर दिया।
जिसमें स्पष्ट रूप से उन्होंने भी दर्शाया है की मौजा मडकोला में स्थित कडाणा बांध में अवाप्त की गई भूमि को मूल खातेदार को लौटाने के संबंध में शासन सचिव राजस्थान सरकार द्वारा उक्त संबंध में हस्तांतरण की स्वीकृति प्रदान की गई है अतः नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें।अब बात करते हैं उस महत्वपूर्ण दिन की 16 अगस्त 2022 जो जिला कलेक्टर शासन उप सचिव राजस्थान सरकार ने एक पत्र और लिखा है जिसमें कडाणा बांध में व्याप्त की गई भूमि को मूल खातेदार को लौटाने के संबंध में दोबारा लिखा गया है । जिसमें यह लिखा गया है की संदर्भित पत्र के क्रम में निर्देशानुसार लेख है कि आपकी पत्र दिनांक 14 2022 में राजस्व विभाग के जिस पत्र क्रमांक प.1 (19) राज. -6/2019 दिनांक 16 2022 का उल्लेख किया है उक्त पत्र न तो राजस्व (ग्रुप-6) विभाग द्वारा जारी किया गया है और उक्त पत्र पर किए गए हस्ताक्षर भी अधो हस्ताक्षरकरता के नहीं है।
इस संबंध में जिला कार्यालय एवं संबंधित समस्त अधीनस्थ कार्यालय द्वारा की गई समस्त कार्रवाई को तत्काल निरस्त किया जाए और पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई जाए और साथ ही अपने स्तर पर जांच करवा कर उक्त कार्रवाई के लिए जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए प्रकरण की संपूर्ण जांच रिपोर्ट सात दिवस में जरिए मेल पर भिजवाना सुनिश्चित करें।