उज्ज्वल ने ट्रेस की भारत की दूसरी ओर राजस्थान में पहली दुर्लभ काली गिलहरी....
पादरडी बडी निवासी उज्जवल व्यास ने देखी सागवाड़ा के समीप जंगल में एक फुदकता हुआ काला जीव नजर आया जिसे पूर्ण रुप से देखने पर काली गिलहरी पाई गई । मौके पर उन्होंने पादरडी बड़ी निवासी प्रकृति प्रेमी धर्मेद्र जी व्यास और बांसवाड़ा निवासी भारत कंसारा को जानकारी दी ।
उज्जवल व्यास पेशे से वन्यजीव एवम प्रकृति प्रेमी जो सदैव वन्य जीवों को बचाने में सदैव तत्पर रहते हैं ।
ये गिलहरी दुर्लभ प्रजाति की व पूर्ण रूप से काली है ।
प्रथम दृष्टया तो इसे देखने पर गिलहरी जैसा अन्य जीव लग रहा था परंतु लगातार उसके व्यवहार पर मालूम हुआ कि यह एक सामान्य गिलहरी है सिर्फ रंग काला है ।
सामान्य तया समस्त जीवों की त्वचा का रंग अनुवांशिक रूप से निर्धारित रहता है परंतु लाखों में एक जीव मेलानिस्टिक (डार्क) फॉर्म (गहरे या काले रंग) में हो सकता है यह कोई रोग या अनुवांशिकता नही भी हो सकती हैं ।
उड़ीसा के जंगल में ब्लैक टाइगर तथा कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि में ब्लैक पैंथर दिख चुके हैं इसी तरह ये ब्लैक गिलहरी भी यहां सागवाड़ा क्षेत्र मे दो विभिन्न स्थानों पर देखने को मिल है ये पूर्ण व्यस्क व स्वस्थ है चार दिन तक इनके व्यवहार के अध्ययन से ज्ञात हुआ कि यह एक मादा है जिसके दोनो बच्चे सामान्य रंग में है ।