भागवत सत्संग समिति के सदस्यों की बैठक साध्वी निष्ठा गोपाल दीदी के सान्निध्य माण्डवी चौक स्थित टॉउन हॉल में शनिवार देर शाम हुई।
समिति के सचिव गिरीश सोमपुरा ने सदस्यों का स्वागत किया तथा बैठक के उद्देश्य के बारे ंमें बताया। देवालय जीर्णोद्धार समिति के अध्यक्ष जयंतीलाल राठौड़, दिनेश शर्मा, विनोद त्रिवेदी, गोशाला समिति के अध्यक्ष ललित पंचाल, जितेन्द्र सुथार, नारायणलाल बनोत, शिवराम मोची एवं नानुराम पटेल ने कहा कि महिपाल खेल मैदान में एक जनवरी से प्रस्तावित गो कथा का समय कम बचा है तथा सभी को एक जूटता दिखाते हुए तेजी से कार्य निपटाने होंगे। उन्होंने कहा कि जितने कम समय में कार्य पूरे होंगे अन्य कार्यों की अच्छी तरह से देखभाल हो सकेगी।
समिति के अध्यक्ष मुकेश भोई ने कहा कि समिति के कई सदस्य कथा को लेकर निष्क्रिय से बैठे हुए हैं जो गलत है। सभी को सक्रिय होकर पूरी ताकत के साथ जुटेंगे तो गो कथा सफल होगी। साध्वी निष्ठा गोपाल दीदी ने बताया कि गो कथा घर के आंगन में सुनने का अवसर आया है तथा क्षेत्रवासियों को चाहिए कि कथा में भाग लेकर सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि कथा के श्रवण से क्षेत्र की दशा और दिशा बदलेगी तथा मानव जाति का कल्याण होगा। गो कथा के माध्यम से बहती हुई गंगा घर के द्वार पर आई है तथा सभी को इस कथा रूपी गंगा में हाथ धोने चाहिए। दीदी ने कहा कि मन से कार्य किया जाए तो बड़े कार्य भी छोटे नजर आने लगते हैं तथा सभी के मिलकर कार्य करने से सभी कार्य आसान होते चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि नगर एवं आसपास के गांवों में १० हजार श्रीफल का वितरण करना हैं जो आसान काम नहीं है, इसमें सभी को नई उर्जा का संचार करते हुए एक साथ जुटना होगा। इस दौरान नीरज शर्मा, कर्मवीरसिंह, जयेश भाटिया, दिलीप पटेल, हितेन्द्र भावसार, नारायणलाल सेवक, नाथुलाल यादव, श्याम भट्ट, विजय आर पंचाल, विजय एम पंचाल, नवनीत स्वर्णकार, ओमप्रकाश पंचाल, भारत शर्मा, कल्पेश सुथार, भगवानलाल सेवक, जयदेव शुक्ला मौजूद रहे।
भूतो न भविष्यती
पुनर्वास कॉलोनी में सहिमत विभिन्न गांवों में साध्वी निष्ठा गोपाल दीदी ने कहा कि कथाएं तो बहुत हुई परंतु ये गो कथा है ना तो भूत काल में हुई और न ही भविष्य में होगी। गो अध्यात्म चेतना यात्रा के प्रणेता जगदीश गोपाल महाराज के मुखारबिन्द से धर्म नगरी सागवाड़ा की भूमि पर भागवत सत्संग समिति के माध्यम से ऐतिहासिक कथा होने जा रही है। कथा को भव्य रूप देने के लिए वर्तमान में युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि कहीं साधु संत, संगठन इस कथा को भव्य रूप देने के लिए दिन रात गली मोहल्ले तक संपर्क कर रहे हैं। ये शायद पहला कार्यक्रम होगा जिसे भव्य रूप देने के लिए स्वयं संत समय दे रहे हैं।