राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने के लिए तरह-तरह की करोड़ों रुपए की योजनाएं चलाई जा रही हैं । इसके बावजूद धरातल स्तर पर देखा जाए तो सारी योजनाओं पर बेहतर प्रबंधन नहीं होने की वजह से धूल उड़ती नजर आ रही है ।
ऐसा ही नजारा आए दिन राजकीय चिकित्सालय सागवाड़ा में देखा जा सकता है। यह वही पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सागवाड़ा है जहां इस अस्पताल के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सफाई व्यवस्था और बिल्डिंग के नक्शे को देखकर बढ़ाई करते हुए यह कहा था कि यह अस्पताल किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं दिखाई देता। आपको बता दें कि उस समय इस अस्पताल के भीतर प्रवेश करने के लिए मरीज और उनके परिजनों को जूते तक बाहर निकाले जाते थे। वही अस्पताल है लेकिन आज स्थितियां विपरीत हो चुकी हैं। अस्पताल के अंदर आए दिन बेसहारा पशुओं का जमावड़ा दिखाई देता है यही नहीं अस्पताल के वार्डों में गायनिक वार्ड में लेबोरेटरी तक कुत्ते वितरण करते हुए भी नजर आते हैं।
जहां तक पार्किंग की बात करें तो अस्पताल परिसर के गेट के ठीक सामने आए दिन मरीज के परिजन बाइक अस्त-व्यस्त इस तरह से रख देते हैं कि लोगों को अस्पताल के भीतर प्रवेश करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । बिगड़ी हुई पार्किंग व्यवस्था को देखकर हर कोई एक ही सवाल करता है कि इस अस्पताल में गार्ड की कमी की वजह से यह व्यवस्था बिगड़ी हुई है। अब सवाल यह उठता है कि लाखों करोड़ों रुपए की योजनाओं के बावजूद क्या अस्पताल प्रशासन को पार्किंग की व्यवस्था के लिए कोई गार्ड उपलब्ध नहीं हो पाता है?क्या अस्पताल प्रशासन के पास पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है? जिसकी वजह से गार्ड की व्यवस्था नहीं हो पाती है! कई बार अस्पताल में 108 एंबुलेंस द्वारा आपातकालीन स्थिति में मरीजों को लाने के दौरान इस बिगड़ी हुई पार्किंग व्यवस्था के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। कभी-कभी अस्पताल प्रशासन को इस बारे में अवगत करवाने पर व्यवस्थाओं को सुधारने का प्रयास भी किया जाता है और काफी हद तक व्यवस्थाएं सुधर भी जाती हैं लेकिन इसके बाद फिर से वही समस्या उत्पन्न हो जाती है कहीं ना कहीं प्रबंधन में कमी की वजह से इस तरह की समस्याओं से अस्पताल में आने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें कि अस्पताल में एकमात्र गार्ड दिन के समय सुबह 10:00 बजे से 2:00 बजे तक रहता है और उस दौरान भी पार्किंग की व्यवस्था सही तरीके से नहीं हो पाती है। ऐसे में राजस्थान सरकार की लाखों करोड़ों रुपए की योजनाओं पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा ठीक से प्रबंध नहीं किए जाने से सवालिया निशान उत्पन्न होते हैं ।
अस्पताल में आए दिन व्यवस्थाओं को लेकर अस्पताल प्रबंधन बेबस नजर आता है।