भगवान बिरसा को किया याद, पद चिन्हों पर चलने का लिया प्रण
सागवाडा बिरसा मूंडा लाईब्रेरी मे शुक्रवार को भगवान बिरसा मूंडा के 123वे शहदत दिवस के रूप मे मनाया।
समाज के अध्यक्ष मोहनलाल भगोरा के मार्गदर्शन में भगवान बिरसा मुंडा का 123 वां शहादत दिवस उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप जलाकर मनाया।
वक्ताओ ने भगवान बिरसा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उलीहातू गांव जिला रांची झारखंड के गरीब आदिवासी परिवार मैं पले बढ़े बिरसा ने जीवन के सिर्फ 25 वर्ष की अल्पायु में ही समाज के लिए साहूकारों और अंग्रेजों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। बिरसा मुंडा जल, जंगल और जमीन के लिए जिस आंदोलन को लेकर चले थे उसे उलगुलान नाम दिया। बिरसा के इस योगदान के लिए उन्हें धरती आबा के नाम से जाना जाने लगा। आज पूरे भारत में उनका नाम बड़े सम्मान के साथ में लिया जाता है। समाज के अध्यक्ष भगोरा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए युवा पीढ़ी को भगवान बिरसा मुंडा के पद चिन्हों पर आगे बढ़ते हुए समाज का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि प्रकृति को बचाना है तो उसे संरक्षित करने की आवश्यकता है।
इस दौरान निशान्त डेण्डोर, विजय सोवारा, राकेश अहारी, हेमंत, विष्णु, पूजा, सोनल, मनोज, अजय, चिराग, सूनिल, नेहा, गूंजन सहित मौजूद रहै।