राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीते शुक्रवार को अपने ही सरकार में राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुड्डा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करके कांग्रेस के एक बयानवीर विधायक को खून का प्यासा बना दिया है ऐसा नहीं है कि अशोक गहलोत ने पहली बार अपने किसी मंत्री को बर्खास्त किया है इससे पहले 15 जुलाई 2020 को उपमुख्यमंत्री और मंत्री सचिन पायलट और विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को बर्खास्त कर दिया था बर्खास्त मंत्री और उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र बसपा के टिकट पर जीते थे लेकिन अशोक गहलोत की अल्पमत की सरकार को बचाने के लिए उन्होंने अपने सभी पांच साथियों के साथ 2020 में कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था जब सचिन पायलट ने बगावत की थी तब राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के साथ होटलों में कैद थे उसके काफी समय बाद जब पायलट और गहलोत के बीच सुलह हो गई तब उपहार देते हुए गहलोत ने 21 नवंबर 2021 को गुडा को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था वेले तो गुडा काफी समय से अपने ही सरकार पर भ्रष्टाचार के समेत कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं लेकिन शुक्रवार को उन्होंने विधानसभा के भीतर महिला सुरक्षा को लेकर अपनी ही सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार को पूरी तरह से नाकाम बताते हुए अपराध कंट्रोल की कलई खोल दी इसके तुरंत बाद अशोक गहलोत ने गुड्डा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर बाहर करने का आग्रह किया जिस पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए जैसे ही राजेन्द्र गुडा को सरकार ने बाहर कर
दिया वैसे ही अशोक गहलोत सरकार की नाकामियों का वो जिन भी ढक्कन खोलते हुए बोतल से बाहर आ गया जो 4 साल से बंद पड़ा था अशोक गहलोत के इस कदम के बाद गुड्डा ने कहा कि सरकार के ताबूत में यह आखिरी कील थी जो उन्होंने खुद ठोकली है राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बयान तीखे करते हुए सोमवार को विधानसभा में सारे राज खोलने और अशोक गहलोत से 121 सवाल जवाब करने का दावा करते हुए गहलोत को विधानसभा में आमंत्रित किया है ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी विधायक को मंत्री पद से हटाने के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया है गुड़ा ने का है कि पायलट कैंप के बगावत को याद करते हुए कहा है जब सरकार होटलों में कैद थी तब अशोक गहलोत के बेहद खास धर्मेंद्र राठौड़ राजीव अरोड़ा समेत तीन जनों के ठिकानों परिवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स की छापेमारी हुई थी तब गहलोत ने खुद उनको कहा था कि किसी भी कीमत पर डायरी लेकर आने यह भी कहा है कि उस लाल डायरी में काले कारनामे थे इसलिए गहलोत ने उनको कहा था कि किसी भी किमत पर लाल डायरी लानी है उसको जलाना है जब उन्होंने लाल डायरी बरामद कर ली तब गहलोत ने उनको बार-बार पूछा कि उसको जला दिया या नहीं राजेंद्र गुड्डा ने तब गहलोत को डायरी जलाते हुए का वीडियो दिखाया था तब जाकर विश्वास हुआ था। हालांकि राजेंद्र गुड्डा ने डायरी जलाई नहीं थी बल्कि उसको जलाना शुरु किया और वीडियो बनाया इसके बाद जब उसका कवर जल गया तो उसे बुझा लिया और बाकी को अपने पास सुरक्षित रख लिया भाजपा इस बयान के बाद मुखर हो गई है रिपब्लिक भारत को दिए गए बयान में राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया है कि जब सरकार होटलो में कैद थी तब सिविल लाइन स्थित रूबी टावर में बने धर्मेंद्र राठौड़ के फ्लैट में उन्होंने शीशा तोड़कर लाल डायरी निकाली थी जिसके बाद खुद गहलोत ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा था कि गुड्ढा जी आपको हॉलीवुड की फिल्मों में होना चाहिए था आपने जो सर्जिकल स्ट्राइक करी है लाल डायरी बरामद की है वह बहुत ही सराहनीय कार्य है गुडा का वीडियो बयान वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग अशोक गहलोत सरकार पर उंगली खुब उठा रहे हैं
गुडा के करीबी लोगों का कहना है कि सचिन पायलट को गांधी परिवार द्वारा मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की मजबूरी के पीछे भी वही लाल डायरी है जिसमें गांधी परिवार के सारे राज छुपे हुए हैं हालांकि गुडा ने उनको जलाने का दावा किया लेकिन गुडा के ही करीबी सूत्र बताते हैं कि उन्होंने डायरी को नहीं जलाया बल्कि उसका कवर जलाने के बाद उसे बुझा कर अपने पास सुरक्षित रख लिया । अब उसी लाल डायरी में से राज खोलकर सरकार को बैकफुट लाने का काम करेंगे उल्लेखनीय है कि धर्मेंद्र राठौर के बिल्कुल नीचे वाले फ्लैट में ही कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा रहते हैं जहां प्राइवेसी के नाम पर किसी को भी एंट्री नहीं है यह भी दावा किया जाता है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग को लेकर एक बार राजेंद्र गुड्डा ने प्रियंका गांधी मुलाकात कर सारी बातें बताई थी लेकिन खुद प्रियंका ने उनको यह कहकर राहुल गांधी के पास भेज दिया था कि उनको यह सब बातें पता है लेकिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की अनुशंसा नहीं कर सकती है इसके बाद राजेंद्र गुड्डा ने राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी बात रखी जिस पर राहुल ने कहा कि राजस्थान में पूरा सिस्टम अशोक गहलोत के हाथ में है वह कुछ नहीं कर सकते हैं राजस्थान में गहलोत ही कांग्रेस है और कांग्रेस ही अशोक गहलोत हैं अब सवाल ये उठता है कि उस लाल डायरी में ऐसा क्या था जिसके दम पर राहुल गांधी प्रियंका गांधी समेत पूरा गांधी परिवार अशोक गहलोत के खिलाफ एक्शन नहीं ले पाया है सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं और लिख रहे हैं कि अशोक गहलोत द्वारा गांधी परिवार को मासिक तौर पर जो खर्चा भेजा जाता है
उसका पूरा ब्योरा उसी डायरी में था और वह डायरी अशोक गहलोत के सबसे विश्वसनीय धर्मेंद्र राठौर के पास फ्लैट में थी जहां से राजेंद्र गुड्डा को निकालने को भेजा गया था गुडा यह भी दावा कर रहे हैं कि उनसे पहले सरकार के दो मंत्रियों को भेजा गया था तब ईडी के अफसरों ने उनको घुसने ही नहीं दिया बाद में राजेंद्र गुढ़ा पहुंचे और कांच का शीशा तोड़कर लाल डायरी जप्त कि थी धर्मेंद्र राठौर को अशोक गहलोत का संकट मोचक माना जाता है लेकिन खुद कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने ही उनको एक बार दलाल तक कह दिया था ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या राठौर कि उस लाल डायरी में दलाली के रिकॉर्ड से या फिर जिस तरह से खुद के सामने मास्टरों ने कहा था कि ट्रांसफर के पैसे लगते हैं उसका कोई हिसाब-किताब था राजेंद्र गुढ़ा ने यह भी दावा करते हुए अशोक गहलोत सरकार पर सवाल उठाए हैं कि शांति धारीवाल को ही बार-बार यूडीएच मंत्री बनाया जाता है धारीवाल में ऐसा क्या है कि उनको एक विभाग दिया जाता है दरअसल अशोक गहलोत की तीनों सरकारों में शांति धारीवाल ही युडिएच मंत्री बने हैं जबकि कुछ महीने पहले एक सभा में अशोक गहलोत ने दावा किया था कि चौथी बार उनकी सरकार बनेगी और चौथी बार शांति धारीवाल को ही युडिएच मंत्री बनाएंगे। वास्तव में देखा जाए तो अशोक गहलोत के तीनों कार्यकाल में धारीवाल ही एकमात्र ऐसे नेता है जो तीनों ही बार यूडीएच मंत्री बनाए गए हैं लाल डायरी की सुर्खियों में आने के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं खासतौर से भाजपा को एक मौका मिल गया है कि गुडा के सच बोलने पर उनको बर्खास्त कर अशोक गहलोत अपनी नाकामी छुपाना चाहते हैं तो लाल डायरी के राज खुलने पर अशोक गहलोत सरकार के काले कारनामे सामने आ जाएंगे खुद गुडा ने यह कहकर सरकार के हाथ पांव फुला दिए हैं कि वे सोमवार को सरकार और संगठन को लेकर बड़े खुलासे करेंगे गुडा के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि शायद गहलोत की उस लाल डायरी में वो सारे राज हो सकते हैं जिससे सरकारी भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने आ जाएगी साथ ही यह भी चल रही है की संभवतः अशोक गहलोत ने गांधी परिवार के राज डायरी में छुपा रखे हैं उनको तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली और सचिन पायलट के तमाम प्रयासों के बाद भी अशोक गहलोत को हटाकर कांग्रेस ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया अशोक गहलोत की लाल डायरी वाले बयान से राजस्थान की सियासत उफान पर आ गई है कहा जा रहा है कि यह बात खुद गांधी परिवार तक भी पहुंच गई है जिसके कारण अशोक गहलोत की कुर्सी संकट में आ सकती है कुछ लोगों का कहना है कि इस लाल डायरी का राज खुद सचिन पायलट भी जानते हैं इसलिए उन्होंने राजेंद्र गुढ़ा के कंधे पर बंदूक रखकर अशोक गहलोत पर हमला किया है सच्चाई चाहे जो भी हो लेकिन इतना पक्का है कि लाल डायरी में कुछ ऐसा जरूर था जो अशोक गहलोत और उनके करीबी लोगों के राज उजागर कर सकता है इन दिनों भाजपा के पास अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ दिव्या मदेरणा का बयान पहले से हथियार के रूप में मौजूद है जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस तो उनकी खुद की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो आम आदमी की क्या करेगी अब राजेन्द्र गुडा द्वारा लाल डायरी का राज उजागर करने के बाद भाजपा के पास एक और बड़ा ब्रह्मास्त्र मिल गया है जिसके दम पर चुनाव के दौरान कांग्रेस के वोट बैंक में बीजेपी सेंधमारी कर सकती है वैसे भी इस तरह के गंभीर आरोप लगना अशोक गहलोत के लिए नया नहीं है इससे पहले पिछले कार्यकाल में सरकार के दो मंत्री रेप के आरोप में जेल चले गए थे इस बार अभी तक कोई भी मंत्री जेल नहीं गया है लेकिन अभी आचार संहिता में 3 महीने बाकी है इस दौरान कुछ भी हो सकता है राजस्थान के मीडिया को मैनेज करने के लिए अशोक गहलोत सरकार पर पहले ही सैकड़ों करोड़ देने के आरोप लग रहे के आरोप लग रहे हैं अब यदि लाल डायरी का राज खुल जाता है तो जैसा कि गुडा दावा कर रहे हैं उसके हिसाब से कुछ बड़ा मामला सामने आता है तो कांग्रेस और गहलोत दोनों संकट में फंस जाएंगे लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि सचिन पायलट का इस तरह से एकदम चुप हो जाना और सत्ता रिपीट कराने की बातें कहना किसी बहुत बड़े छुपे राज की तरफ इशारा कर रहा है इस लाल डायरी का राज जब सामने आएगा तब होगा जो होगा ही लेकिन जिस तरह से गुड्डा को बर्खास्त कर अशोक गहलोत सरकार ने एक तरह से अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है उससे एक बात साफ हो गई है कि राजनीति में मंजे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले अशोक गहलोत इस बार भी 2013 की तरह मात खाकर 21 से भी कम सीटें जीत ने का इतिहास बना सकते हैं इस बात का दावा खुद गुडा पहले ही कर चुके हैं कि सरकार की यदि कार्यशैली नहीं बदली तो कांग्रेस एक कार में सवारी करने जितने उम्मीदवार ही जीता पाएगी।