पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय सागवाड़ा जिला अस्पताल घोषित हो चुका है लेकिन यहां की सुविधाओं को देखा जाए तो पहले से ही अस्पताल काफी चर्चा का विषय बना हुआ है आए दिन अस्पताल में लापरवाहियों का मामला भी सामने आता है प्रबंधन की बात करें तो आए दिन अस्पताल में ट्रैफिक व्यवस्था के हाल पार्किंग की वजह से बिगड़े हुए नजर आते हैं ऐसे में राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना ने पूरे अस्पताल को अपने कब्जे में ले लिया है। आपको बता दें कि दिनभर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत अस्पताल में महिलाओं का आवागमन रहता है और उनके साथ महिलाओं को ग्राम पंचायत से अस्पताल तक लाने के लिए उनके परिजन बाइक कार लेकर आते हैं और अस्पताल परिसर में उसे पार्क कर देते हैं । जिसकी वजह से पार्किंग की विकट समस्या का सामना पूरे दिन अस्पताल में आने वाले मरीजों को करना पड़ता है। प्रसूति गृह के ठीक ऊपर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन वितरण केंद्र बनाकर स्थानीय प्रशासन ने अपना कार्य तो निकाल लिया है लेकिन इस वजह से अस्पताल में परेशानियां कितनी उत्पन्न हो रही है इस विषय को लेकर किसी को कोई जानकारी नहीं ली । दिन भर आने वाले मरीज सहित प्रस्तुति ग्रह में आने वाली महिलाओं को प्रस्तुति दर्द के दौरान अस्पताल के मुख्य गेट से प्रस्तुति ग्रह तक ले जाने के लिए गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है
तस्वीरों मैं आप देख सकते हैं कि एक महिला को प्रस्तुति दर्द के दौरान किस तरह से ले जाया जा रहा है । ऐसे में सवाल यह उड़ता है कि अस्पताल सरकार की योजनाओं का केंद्र है या फिर आपातकालीन स्थिति में मरीज के लिए उपचार का केंद्र । आपको बता दें कि इससे पहले तत्कालीन उपखंड अधिकारी यतिंद्र पोरवाल ने इस स्थिति को देखते हुए सरकार को पत्र लिखकर यह स्थान बदलने की अपील भी की थी लेकिन वर्तमान उपखंड अधिकारी ने निरीक्षण कर इस स्थान को उपयुक्त बताया जबकि यह अस्पताल है और अस्पताल में इस तरह की योजनाओं का केंद्र बनाकर कहीं ना कहीं मरीजों के साथ बहुत ही बड़ा खिलवाड़ हो रहा है आए दिन अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्त मरीज को एंबुलेंस के द्वारा लेकर आने के दौरान भी ट्रैफिक व्यवस्था की वजह से पार्किंग का सामना करना पड़ता है कई बार एंबुलेंस को पार्किंग और ट्रैफिक की वजह से मरीज को अस्पताल तक पहुंचने में अस्पताल की गेट पर बहुत ही बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों तक जूं तक नहीं रेंगती। बस उन्हें तो सरकार के आदेशों का अनुसरण करना है और सरकार की योजनाओं का अच्छे तरीके से क्रियान्वन करना है जबकि अस्पताल में मरीज परेशान हो रहे हैं पंचायत के लोगों को अपने ग्राम पंचायत स्तर पर भी मोबाइल वितरण का कार्य हो सकता था लेकिन कहीं ना कहीं आने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर इस तरह की रेलम पेल करके वर्तमान सरकार अपनी राजनीतिक रोटीया सेक रही है।