बताया जाता है कि कमलेश्वर महादेव शिवलिंग का किसी ने निर्माण नहीं किया है वह अपने आप प्रगट शिवलिंग हैं और बहुत ही चमत्कारी है ।
यहां पर आए दिन भगवान शिव के चमत्कार क्षेत्र के लोगों को देखने को मिलते हैं ।
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यहां पर भक्तों के द्वारा मांगी हुई हर मन्नत पूर्ण होती है । महाशिवरात्रि और हरियाली अमावस्या पर यहां पर मेला भरता है और साथ ही हर सोमवार को यहां पर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है ।
सोमनदी के किनारे बसे होने के कारण जहां प्राकृतिक सुंदरता भरी पड़ी है पुराना मंदिर डूब क्षेत्र में जाने की वजह से नया मंदिर 1994 पुनः स्थापना करवाई गई । डूंगरपुर और उदयपुर की सीमा पर स्थित होने की वजह से यहां पर सैलानियों का भी तांता लगा रहता है । सोम कमला आंबा बांध के पानी से वागड़ के कई क्षेत्रों में सिंचाई का पानी भी दिया जाता है, साथ ही पीने का पानी भी सोम कमला अंबा से वागड़ के कई क्षेत्रों में उपलब्ध करवाया जाता है ।
आइए देखते हैं जगदीश बुनकर सागवाड़ा कि पूरी रिपोर्ट