राजस्थान के उदयपुर के गिंगला गांव के एक किसान को 3.71 करोड़ का बिल थमाने को लेकर अपनी फज़ीहत करवा चुके विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. विभाग ने अब एक ऐसे आदिवासी परिवार को इलेक्ट्रिक का बिल थमा दिया जिसके घर पर लाइट का कनेक्शन ही नहीं है. विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की यह नई कारस्तानी एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है ।
बडा सवाल कैसे जनरेट हुआ बिल
इस पूरे मामले ने उदयपुर के विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाई को उजागर कर दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि आखिर फूलाराम के नाम से बिल जनरेट कैसे हुआ. बिना मीटर की रिडिंग लिए कैसे विद्युत खर्च को दर्शा लिया गया. ऐसे कुछ और भी सवाल है जिसका जवाब विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है.
भाजपा ने फिर साधा निशाना
विद्युतविभाग के कर्मचारियों की इस लापरवाई ने भाजपा को एक बार फिर बैठे बिठाए सरकार पर निशाना साधने के मौका दे दिया है. भाजपा जावर माता मंडल अध्यक्ष हरीश मीणा ने कहा कि बिजली विभाग का कोई धणी-धोरी नहीं है. बिना बिजली कनेक्शन के ही बिल आ रहे हैं. ऐसे में सरकार को गरीब आदिवासियों की कोई फिक्र नहीं है.