सेमिनार आयोजित कर वरिष्ठ जनों को बताएं फिजियोथेरेपी के लाभ
आसपुर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडियन एसोसिएशन आॅफ फिजियोथेरेपिस्ट वुमन सेल राजस्थान एवं भारत विकास परिषद मुख्य शाखा डूंगरपुर के संयुक्त तत्वावधान तथा गुजरात हॉस्पिटल की मेजबानी में पूरणमल दावड़ा के मुख्यआतिथ्य व गिरीश पानेरी की अध्यक्षता तथा दिनेश श्रीमाल व नगीनलाल जैन के विशिष्ट आतिथ्य में वरिष्ठजनों को फिजियोथेरेपी के लाभ बताने फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. कर्णावती भाभोर के मार्गदर्शन में सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें 30 से 35 वरिष्ठजनों ने उपस्थित रहकर निःशुल्क चिकित्सा परामर्श का लाभ लिया । सेमिनार में वृद्धावस्था में फिजियोथेरेपी की भूमिका पर अपने विचार रखते हुए मुख्य वक्ता डॉ. कर्णावती भाभोर ने वृद्धावस्था एवं बढ़ती उम्र तथा आधुनिक दौड़ती जीवनशैली से मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव एवं उपचार हेतु फिजियोथेरेपी के महत्व पर प्रकाश डाला। फिजियोथेरेपी के माध्यम से आॅर्थराइटिस, मांसपेशियों की कमजोरी व कड़कपन, जोड़ों का दर्द व कडकपन, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, लंबर स्पॉन्डिलाइटिस, कमर दर्द तथा अन्य जटिलताओं ऑस्टियोपोरोसिस, फ्रोजन शोल्डर, लकवा, मुंह का टेढ़ापन, डायबीटिक न्यूरोपेथी आदि बुढ़ापे के रोगों का आसानी से इलाज किया जाता है। फिजियोथेरेपी एक भौतिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें मांसपेशियों, जोड़ो, हड्डियों, नसों के दर्द वाले हिस्से की वैज्ञानिक तरीके से आधुनिक मशीनों, व्यायाम मोबिलाइजेशन और टैपिंग के माध्यम से मरीज को आराम पहुंचाया जाता है। यह दवाइयों रहित निरापद चिकित्सा पद्धति है। बढ़ती उम्र की शारीरिक समस्याओं तथा शल्य चिकित्सा के बाद अंगों को पुरानी कार्य स्थिति में लाने हेतु भी अत्यंत कारगर है। जनरल फिजिशियन डॉ. चिराग राठौड़ व जगदीश जोशी ने बताया कि फिजियोथेरेपी को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर दवाइयों पर निर्भरता कम कर वरिष्ठ जन दीर्घावधि तक स्वस्थ रह सकते हैं। सेमिनार का संचालन जितेंद्र सिंह पीठ ने किया तथा राष्ट्रगान के साथ समापन किया गया। इस अवसर पर हीरालाल पटेल, नरेंद्र जैन, प्रभा पंड्या, मांगीलाल कुम्हार, देवेंद्र पंचाल, राजकुमारी कुम्हार, ईश्वरलाल भट्ट, डायालाल मोची, मगनलाल पंचाल, प्राची पंड्या, बसंती देवी पटेल, अंकुर पानेरी तथा अन्य वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।
रिपोर्टर दिनेश सेवक आसपुर