प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर (Dungapur) जिले में कोरोना संक्रमण काल (Corona Transition Period) से बेरोजगार होकर घर बैठे वनवासियों के लिए अच्छी खबर है । इस बार उनके लिए तेंदूपत्ता (Tendu leaves) सभी कष्टों को हरने वाला साबित होने वाला है ।
डूंगरपुर जिले में तेंदूपत्ते की सभी 9 इकाइयों के ठेके हो गए हैं । इससे जहां विभाग को करीब 2 करोड़ 47 लाख रुपये की आय होगी तो वहीं वनवासियों को तेंदूपत्ता तोड़ने पर 2 करोड़ 5 लाख रुपये की आय होगी ।
कोरोना संक्रमण काल में जहां लोगों के रोजगार छीन गए तो आर्थिक तंगी में भी आ गए । कोरोना के चलते पिछले साल जिले के 9 वन खंडों में से सिर्फ 3 वन खंडो में ही तेंदूपत्ता संग्रहण (Tendu leaf collection) के टेंडर हुए थे, जिसके चलते जहां वन विभाग को लाखो रुपये का नुकसान हुआ था । वहीं, वनवासियों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन इस वर्ष तेंदूपत्तों के संग्रहण के लिए हुए टेंडर वन विभाग व वनवासियों के लिए खुश खबर लेकर आया है । इस बार जिले के सभी 9 खंडों के टेंडर हुए हैं । इधर टेंडर के चलते जहां विभाग को करीब 2 करोड़ 47 लाख रुपये की आय होगी तो वहीं, वनवासियों को तेंदूपत्ता तोड़ने पर 2 करोड़ 5 लाख रुपये की आय होगी । सबसे ख़ास यह है कि वर्ष 2017 के बाद विभाग को पहली बार तेंदूपत्ता इकाइयों से इतनी अधिक आय होगी।
बताते हैं कौनसा खंड कितने में हुआ नीलाम
खंड प्रस्तावित राशि लाखों में
वेड 72 लाख
डाकनमारिया 16 लाख
रतनपुर 35 लाख
बिछीवाड़ा 74 लाख 75 हजार 555 रुपये
झरनी 10 लाख
चारवाड़ा 8 लाख 51 हजार
अम्बाड़ा 5 लाख 99 हजार 999 रुपये
आंतरी 10 लाख 77 हजार 777
निठाउवा 14 लाख 77 हजार 777 रुपये
कुल खंड 9 2 करोड़ 47 लाख 82 हजार 108 रुपये
बहरहाल, डूंगरपुर जिले के 9 वन खंडों में तेंदूपत्तों के संग्रहण के टेंडर हो चुके हैं । राज्य सरकार (State Government) ने भी वनवासियों को फायदा देने के लिए प्रति मानक बोरा की दर की वृद्धि करते हुए 1 हजार 50 रुपये निर्धारित की है । सभी 9 खंडों से औसतन प्रतिवर्ष 24 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण होता है । इस हिसाब से 2 करोड़ 5 लाख रुपये की राशि वनवासियों में वितरित की जायेगी ।
खैर जिले के सभी 9 वन खंडों के टेंडर होने से वन विभाग ने राहत की सांस ली है तो वहीं, कोरोना काल में आर्थिक मंदी झेल रहे वनवासी भी इस वर्ष अच्छी मजदूरी मिलने की उम्मीद से उत्साहित नजर आ रहे हैं।