नाइट कर्फ्यू- प्रदेश के 8 शहरों में लगाया नाइट कर्फ्यू
जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा और कुशलगढ़ में नाइट कर्फ्यू, रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा कर्फ्यू
जयपुर शहर में नाइट कर्फ्यू का मतलब फिर भी एक बार के लिए समझ में आता है लेकिन वहां पर भी दिन में लाखों की संख्या में लोग आते हैं और जाते हैं फिर रात को 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता।लेकिन राजस्थान के बाकी शहरों में जहां तक मैंने देखा है रात को 10.00 से सुबह 5:00 तक वैसे भी सन्नाटा पसरा रहता है तो फिर औपचारिकता किस बात की?
कोरोना संक्रमण की केसेज में कोई कमी नजर आ नहीं रही है दिन प्रतिदिन कोरोना मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं एक तरफ जहां पर कोरोना वैक्सीन के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़ती जा रही है और पहले की तुलना में लोग बहुत ही ज्यादा लापरवाही बरत रहे हैं ।
अब बात करते हैं एक्किस मार्च 2020 की उस दिन रविवार था और सागवाड़ा शहर में पूरे देश की तरह लॉकडाउन घोषित हुआ था सुबह दिन खुलने से लगाकर शाम होने तक लोग घरों से बाहर तक नहीं निकले थे। आपको बता दें कि उस दिन सागवाड़ा शहर में एक भी कोरोना मरीज नहीं था। फिर भी पूरे देश में लोक डाउन की वजह से सागवाडा
शहर भी थम गया था। लेकिन आज वही 21 मार्च 2021 रविवार आज सागवाड़ा शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीज की संख्या आपके सामने लेकिन ना तो सोशल डिस्टेंसिंग ना मास्क पहनना लोग भयंकर लापरवाही बरतते हुए पूरे सागवाड़ा शहर में भ्रमण करते हैं कहीं पर कोई रोक टोक नहीं। अब बार-बार लॉक डाउन करने से आर्थिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। लेकिन फिर भी लोग समझने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में सरकार भी अपनी तरफ से औपचारिकता पूर्ण कर रही है। नाइट कर्फ्यू रात को 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक। अब इस दौरान इस समय अवधि में हर कोई जानता है कि रात को सड़कों पर कौन निकलेगा? अगर कोई त्यौहार भी है तो रात को 11:00 बजे के बाद लोग घरों से बाहर नहीं निकलते हैं फिर 10:00 बजे बाद और सुबह 5:00 बजे से पहले कर्फ्यू लगाने का कोई मतलब नहीं। इससे कोरोना संक्रमण के खतरे को कम नहीं किया जा सकता। अगर कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करना है और कोरोना संक्रमण से बचना है तो शहर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के मुंह पर मास्क होना चाहिए और कम से कम 2 गज की दूरी एक दूसरे से बना कर रखें यह प्रशासन या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं आम लोगों की जिम्मेदारी समझकर हर व्यक्ति अगर दूसरे व्यक्ति को बिना मास्क के का नजर आए और उसे टोके और उस से दूरी बनाए रखने के लिए बाध्य करें तभी यह संभव है कि कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है अन्यथा परिस्थितियां बहुत ही घातक हो सकती हैं।