राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन
एम्बुलेंस कर्मचारियो की मांगो का नही हुआ समाधान
मुख्यमंत्री महोदय को भी 8 जून 2021को दिया था ज्ञापन लेकिन नही हुआ कोई समाधान
कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई कर्मचारियो के उदास चेहरे व उनकी व्यथा सुनकर मैने अपने विवेक से लिया फैसला
एम्बुलेंस कर्मचारियो की मांगो को लेकर
कल मुख्यमंत्री निवास के बाहर करूँगा आत्मदाह
राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि 108,104 एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो को लेकर पिछले 2 वर्षों से संघर्ष कर रहे है लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की कोई नही सुनने वाला है एम्बुलेंस कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उच्च अधिकारी ,चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी, चिकित्सा एंव स्वास्थ्य मंत्री ,मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार से लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय तक गुहार लगा चुके है लेकिन एम्बुलेंस कर्मचारियों की कोई भी सुनना या समाधान नही करना चाहता है पिछले 13 वर्षों से जो भी कंपनी इसका संचालन किया है उन सभी ने एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण किया है और यदि अब जो नई निविदा आई है एम्बुलेंस संचालन के लिए जिसकी अंतिम तारीख 15 जून है यदि इन्ही शर्तो पर यह टेंडर किसी भी कंपनी को हो जाता है तो फिर आने वाले 5 वर्ष तक एम्बुलेंस कर्मचारियों का शोषण होगा ।
शेखावत ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांगो का समाधान होने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय में भी याचिका लगाई लेकिन वंहा से भी न्याय नही मिला यदि यह निविदा कल खोल दी जाती है तो एम्बुलेंस कर्मचारियों का भविष्य अंधकार मय हो जाएगा ।
शेखावत ने बताया कि 108 व 104 एम्बुलेंस कर्मचारियों द्वारा पिछले 13 वर्षों की राज्य की आम जनता की आपातकालीन समय मे सर्दी, गर्मी, बरसात व दिन रात ,24 घंटे 7 दिवस लगातार अपनी जान की परवाह किये बिना जान बचाने का कार्य करते है और पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी में प्रथम सिपाही बनकर अपने व अपने परिवार की जान की परवाह किये बिना रात दिन कार्य कर रहे है जिसमे हमारे 3 एम्बुलेंस कर्मी चितोड़गढ़, गंगानगर, अलवर में covid19 से शहीद भी हो गए है । लेकिन फिर उफ्फ तक नही करते है व अपना कार्य कर रहे है और इन एम्बुलेंस कर्मचारियो के कार्य करने के कारण राज्य सरकार का नाम होता है लेकिन सरकार इन कर्मचारियों के लिए कुछ कर सकती है बल्कि उल्टा यूनियन पदाधिकारियो द्वारा एम्बुलेंस कर्मचारियो किं माँग उठाने में पुलिस थाने में यूनियन पदाधिकारियो के लिए परिवाद दिया जा रहा है ।
शेखावत ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी ई एम टी (नर्सिंगकर्मी) 9014 रुपये व पायलेट (ड्राइवर) 8804 रुपये के अल्पवेतन में कार्य करने के बावजूद भी सरकार द्वारा किसी भी तरह से इन कर्मचारियों का कार्य नजर नही आता है और अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है इन कर्मचारियों के प्रति किसी तरह से सवेंदनशील नही दिख रही है मैं राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री महोदय से गुहार लगाना चाहता हु की प्रदेश के सभी एम्बुलेंस कर्मचारियो की छोटी सी मांग निम्न है ।
1. वर्तमान में मिल रहा सकल वेतन ई एम टी (नर्सिंगकर्मी) 9880 रुपये पायलेट (ड्राइवर)9566 रुपये का 20% बढ़ोतरी राजस्थान उच्च न्यायालय आदेश अनुसार हो ।
2. श्रम कानून अनुसार कार्य समय 8 घंटे किया जाए ।
3. एम्बुलेंस कर्मचारियो का वेतन प्रतिवर्ष 10% बढ़ोतरी हो ।
मुख्यमंत्री महोदय इन गरीब व अल्पवेतन कर्मचारियों की मांगो का समाधान किया जाए व इन कर्मचारियों को प्राइवेट कंपनियों से शोषण होने से बचाया जाए व जिससे प्रदेश के एम्बुलेंस कर्मचारियों का परिवार लालन पालन सही से हो सके ।
शेखावत ने बताया कि मैं राजस्थान एम्बुलैंस कर्मचारी यूनियन प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि प्रदेश के सभी एम्बुलेंस कर्मचारियों को उनका हक व न्याय दिलाना है और सभी प्रदेश के एम्बुलेंस कर्मचारियो को मेरे द्वारा मुझे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक ,परियोजना निदेशक व माननीय चिक्तिसा एंव स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने पिछले 2 वर्षो से जो आश्वासन दिया गया वो सभी कर्मचारियों को देता रहा लेकिन आज सरकार द्वारा मांगे नही मानने पर मेरी इन एम्बुलेंस करचरियो को हक़ व न्याय दिलाने की जिम्मेदारी मेरी है इसलिए यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय हमारी नही सुनते है तो कल सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्मदाह करूँगा ।
वीरेन्द्र सिंह शेखावत
प्रदेशाध्यक्ष
7742611108