जयपुर/ राजस्थान बीजेपी में आज सियासी घमासान और तेज हो गया है । रोजाना पार्टी संगठन विरोधी बयानों से परेशान बीजेपी नेतृत्व ने वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक व पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है । नोटिस मिलने के बाद पूर्व मंत्री डॉक्टर रोहिताश्व ने कहा कि मुझे निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए नोटिस थमाया गया है । ये विनाश काले विपरीत बुद्धि का संकेत है । भैरो सिंह शेखावत हमारे आदर्श हैं, वसुंधरा राजे मेरी नेता हैं. भाजपा मेरी मां है, मां से बेटे को कोई अलग नहीं कर सकता । जिन्होंने नोटिस दिलवाया इनमें इतनी औकात नहीं कि मुझे पार्टी से निकाल सके ।
रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि नोटिस देने से पहले मुझे बुलाना चाहिए था, मैं लड़ूंगा, दिल्ली जाकर भूख हड़ताल करनी पड़े तो करूंगा । हम जो कहें वो व्यक्तिवाद कैसे हो जाता है. नेता अपने इलाकों में जाते हैं, तब उनके नारे क्यों लगते हैं । वसुंधरा समर्थक नेता प्रह्लाद गुंजल, विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, तरुण कागा ने भी पार्टी संगठन पर पिछले दिनों बयानबाजी की थी । जिसके बाद मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने साफ संकेत दे दिए थे कि पार्टी विरोधी बयान देने वाले नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा ।
प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण ने 99 गालियां सुनने के बाद शिशुपाल का वध कर दिया था । अब पार्टी ऐसे नेताओं को बिल्कुल नहीं बचेगी, जो पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं । उन्हें गलती सुधारने का मौका नहीं मिलेगा । आज ही पूनिया के बयानों का असर दिखाई दिया । पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा को नोटिस थमा दिया गया । अब देखना है कि आने वाले दिनों में वसुंधरा राजे के पक्ष में माहौल बनाने और उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग को लेकर बयान देने वाले नेताओं में से किस-किस को नोटिस मिलता है ।