डूंगरपुर जिले के बोरी गांव में एक नवजात शिशु को झाड़ियों में किसी अज्ञात द्वारा फेंके जाने की खबर से सनसनी फ़ैल गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमलवाड़ा रोड पर बोरी गांव केतनफला के पास छगनलाल डामोर के मकान के पास में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। सुबह जब टहलने निकले पुंजीलाल ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो पास के घर में छगन लाल डामोर को सूचित किया और उनके घर पर लाकर बच्ची को सुलाया गया।
लोगों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल कर सुचना दी । सुचना मिलने पर एम्बुलेंस इएमटी ट्रेनर ताराचंद भोई और पायलट दिनेश कुमार रोत मोके पर पहुंचे । और नवजात शिशु को एम्बुलेंस में सिफ्ट किया गया । और जिला अस्पताल डूंगरपुर लाया गया जहां उसे शिशु वार्ड में भर्ती किया गया है ।
डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाने में इसकी सूचना दी गई है और पुलिस कार्रवाई कर रही है।
एक तरफ जहां सरकार बच्चियों के उज्जवल भविष्य के लिए तरह तरह की योजनाएं बना कर लाखों रुपए खर्च कर रही है वहीं इस तरह की घटनाएं समाज के साथ साथ इंसानियत को शर्मसार कर रही हैं।
आप को बता दें, बेटियां जहमत नहीं रहमत होती हैं । ये एक नहीं बल्कि दो परिवारों को रोशन करती हैं । लेकिन डूंगरपुर जिले की बात करें तो यहां गुरुवार को एक बार फिर एक नवजात बच्ची को फेंकने का मामला सामने आया है। जो इंसानियत को सरेआम शर्मसार कर रहा है ।ताजा खबरें देखने के लिए एप्लीकेशन डाउनलोड करें
आपको बता दें कि 13 नवंबर 2019 को जिले में दो अलग अलग जगहों पर नवजात शिशु लावारिश हालात में मिले थे। इसमें एक शिशु झाडिय़ों में ( New Born Found In Bushes ) पड़ा मिला था। ( New Born Found Alive ) मामले के अनुसार कुआं थाना क्षेत्र के शिशोट निचली गांव में मंगलवार शाम को गांव के पुल के नीचे से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी थी।
वही 12 जनवरी 2019 को जिले के सदर थाना क्षेत्र के गुमानपुरा गांव में शनिवार को झाडियों में नवजात बच्ची पड़ी मिली थी । बिना कपड़े के कांटों पर फेंक देने से बच्ची बुरी तरह से जख्मी हो गई थी। गांव की महिलाओं ने उसे देखकर तत्काल गोद में उठाया और उसे जिला अस्पताल के एसएनआईयू वार्ड में भर्ती कराया था ।
आखिर इस तरह की घटनाओं पर कब तक रोक लगेगी।