श्रीराम चिट फंड की दोहरी नीति से परेशान ग्राहक
श्रीराम चिट फण्ड के ग्राहक ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए बताया है कि किस प्रकार से उन्हें परेशान किया जा रहा है। श्री राम चिट फण्ड के एक ग्राहक जिन्होंने गत 23 अक्टूबर 2019 को महाराष्ट्र के अकोला शहर (Akola city) से श्रीराम चिट फण्ड में नाम डाला था जिसके बाद वे नियम पूर्वक रेगुलर अपनी किश्त भरते रहे हैं। लेकिन बीच मे कोरोना के चलते उन्होंने एडवांस में फण्ड जमा कराया लेकिन कोरोना के चलते ऑक्शन नही हुआ, जिसके बाद 2 किस्त व्यापार बंद होने के कारण वे खुद नहीं भर सके । बाद में उन्होंने सारी क़िस्त जमा कर अपने अकॉउंट को चालु किया ओर रेगुलर 16 महीनों से किश्त भर रहे थे । जिसके बाद मार्च में उनके नाम से बीसी खुल गयी । जिसके बाद उन्होंने अपने कागजात (document) जमा किये । बाद में एजेंट के द्ववारा ऊपर से कॉल आया है सर कह कर ग्राहक पर उनके कंपनी से 25000 सालाना की पॉलिसी लेने अथवा उनकी बीसी रद्द करने की बात की गई ।और जबरन पॉलिसी लेने का दबाव बनाया जिससे ग्राहक को काफी परेशानी झेलनी पड़ी । बाद में निराश ग्राहक ने चिट फण्ड से अपना नाम निकाल लेने की बात कही तो ब्रांच मैनेजर द्ववारा 5% कंपनी का कमिशन (comission) काटने ने की बात कही जिससे ग्राहक को 50 हजार से ज्यादा की राशि कंपनी द्ववारा काटने से नुकसान होने की बात सामने आई । क्यों कि जिस बीसी के सहारे आने वाले पैसे से उसने लोकडाउन में रुके हुए बिज़नेस को वापस ऊपर उठाने के लिए सोचा था उस पर श्रीराम चिट फण्ड ने पानी फेर दिया । जबकि वे डेढ़ साल से रेगुलर टाइम से पहले अपनी किश्त जमा करते रहे थे । जबकी कंपनी के पास ग्राहक के 2 लाख से ज्यादा की राशि जमा है । वही मैनेजर द्वारा कम्पनी के फॉर्म पर ये नियम छोटे छोटे अक्षरो में लिखे होने की बात कही । वही एजेंट द्ववारा बात करने पर एजेंट ने मैनेजर को आपने पालिसी नही ली ।
इसलिए उनका ego हर्ट हुआ जिसकी वजह से आपकी फ़ाइल रोक दी उन्होंने इन सब बातों से वही ग्राहक द्ववारा फिर से ऑक्शन में बात करने पर 10 महीने उसे BC नहीं उठाने के लिए कहा | आगे ग्राहक ने बतया की वे श्रीराम चिट फण्ड के खिलाप ग्राहक मंच का दरवाजा खटखटाएंगे ।
पूछती है जनता
अगर ग्राहक को किश्त लेट होने के एवज मे चिट फण्ड देने से इनकार करती है तो ग्राहकों से लेट फीस का चार्ज किस बात की ले रही है कंपनी?
क्या श्रीराम चिट फण्ड का अपने ग्राहकों से ऐसा व्यवहार सही है ?
अगर ग्राहक फण्ड उठाने के लिए परिपूर्ण नही है तो कंपनी ने ऑक्शन मे नाम ही क्यों डाला। और डाला तो बाद में फण्ड देने से क्यों पलटी