वागड़ अंचल में दशा माता त्योहार को मनाने को लेकर क्या कहती है वागड़ अंचल की जनता?
गुजरात क्षेत्र में दशा माता का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है । इस त्यौहार पर दशा माता को पुजने वाले लोगों में दस दिन तक खासा उत्साह देखने को मिलता है । इस वर्ष भी दशामाता की पुजा अर्चना की जाएगी । गुजरात के अलावा राजस्थान के दक्षिणी जिलों में पिछले कुछ सालों से दशा माता का पूजन किया जाता है । इस अवसर पर लोग अपने घरों को साफ सुथरा करके दशा माता की मूर्ति स्थापित करते हैं और दस दिन तक अपने घर पर सुबह और शाम को आरती की जाती है और रात्रि में जागरण और गरबा आयोजन होता है इस साल रविवार 8 अगस्त 2021 अमावस्या के दिन दशा माता को अपने घर में स्थापित किया जाएगा । इसको लेकर बाजार में मुर्ती खरीदने हेतु भीड भाड़ नजर नहीं आई । इस संबंध में जब मुर्ती बेचने वाले व्यापारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड महामारी को देखते हुए इस साल लोग अकेले आकर मुर्ती खरीद रहे हैं । हर साल की तुलना में इस बार ग्राहक कम नजर आ रहे हैं । बताया जाता है कि इससे पहले लोग समुह में मुर्ती खरीदने आते थे । और गाजे बाजे के साथ मुर्ती खरीद कर ले जाते थे । इस विषय में जब ग्राहकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार माता जी की पूजा अर्चना की जाएगी लेकिन कोविड को मध्यनजर रखते हुए किसी प्रकार के बड़े आयोजन नहीं किए जाएंगे ।
दशा माता का यह पर्व दस दिन तक चलेगा। इस दौरान सौभाग्य की कामना के लिए महिलाएं व्रत रखेंगी। व्रत के अंतिम दिन ढोल ढमाकों के साथ प्रतिमा को तालाब या बांध में धूमधाम से विसर्जित किया जाता हैं। दशामाता का यह पर्व मुख्य रुप से गुजरात में मनाया जाता है। पिछले करीब एक दशक से क्षेत्र में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। कई जगहों पर गरबा का भी आयोजन होता है।