।।गुस्ताख़ी माफ़।।
तलाश.......?
राजस्थान प्रदेश में सियासी उहा-पौह बरकरार है गहलोत व पायलट के बीच कब होगा समझौता ओर कब होगा मन्त्रिमण्डल विस्तार की चर्चाएं शहर के चौराहों से लेकर गांव की चौपालों तक सुनाई दे रही है।
साथ ही संगठन में भी बदलाव की बयार बह रही है जिसमे प्रदेश के जिलाध्यक्षों व ब्लॉक अध्यक्षो को भी बदलने की कवायद जारी है ओर कभी भी जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी हो सकती है।
डूंगरपुर जिले की बात करें तो यहां का डंका 10 जनपथ तक गूंजता है चूंकि पूर्व केबिनेट मंत्री स्व भीखाभाई व कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता व पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने जनहित के कार्यो के साथ कांग्रेस पार्टी की मजबूती की छाप ऐसी छोड़ी है जिसे केन्द्र भी वाकिफ़ होने के साथ आश्वस्त है कि वहां वर्तमान में भगोरा जी सब सम्भाल लेंगे।
जिलाध्यक्षों के बदलाव की सूची से पूर्व डूंगरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर प्रेम कुमार पाटीदार का नाम सर्वाधिक चर्चा में है चूंकि वें 2 बार उप जिला प्रमुख रहने के साथ ओबीसी वर्ग के पॉवर फूल नेताओ में एक है वैसे उन्हें पायलट गुट का माना जाता है मगर वें सभी को साथ लेकर चलने वालों मेसे एक है।
जिलाध्यक्ष के अन्य नामो में डॉ शंकर यादव का नाम भी चर्चित है जिनके कार्यकाल हर किसी को याद है जिनके अध्यक्ष रहते कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना नही पड़ा यादव वकील होने के साथ प्रमुख वक्ता भी है जिनके आक्रमक व मधुर मिठास वाली शैली से सभी परिचित है।
इस बीच चीख़ली पँचायत समिति के पूर्व प्रधान महेंद्र बरजोड भी नाम जिलाध्यक्ष की दौड़ में माना जा रहा है मगर एसटी के सभी पद रिजर्व होने से वें जिलाध्यक्ष की दौड़ में पिछड़ सकते है।
बरहाल सत्ता व संगठन में चल रही उहा-पौह कब खत्म होगी जिसको लेकर अब भी सस्पेंस बरकरार है मग़र यह तो तय है कि जिलाध्यक्षो की "तलाश" तो ख़त्म हो चुकी है केवल सूची आने के इंतजार में "पेट" फूल रहा है.........