वागड़ के गांधी वादी एवं सागवाडा पंचायत समिति के पुर्व प्रधान शंकरलाल शर्मा सांमलिया नहीं रहे
स्वतंत्रता सेनानी दादाजी शंकर लाल शर्मा का जन्म मोहनलाल भट्ट सामलिया के घर पर 1926 में जन्म हुआ उनके तीन भाई और 2 बहनों में वे पांचवे नम्बर पर जन्मे थे।
उनकी प्राथमिक शिक्षा सामलिया में उत्तीर्ण करने के बाद डूंगरपुर में भोगीलाल पंडया हरि देव जोशी शिवचरण माथुर के सम्पर्क में आकर भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया और मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज से बीए एलएलबी उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने मुंबई हाईकोर्ट में वकालत भी की।
स्वतंत्रता के बाद सागवाडा पंचायत समिति के वे प्रथम प्रधान के पद पर आसीन हुए।उसके बाद उन्होंने भारतीय रास्ट्रीय कॉग्रेस के उद्देश्य भारत को आजादी दिलाना था और वो पूर्ण होने पर उन्होंने वर्तमान की राजनीति को उसी समय से अलविदा कह दिया था।
वे फिर एक भामाशाह ओर समर्पित शिक्षाविद के रूप में गांव समाज और क्षेत्र में सक्रिय रहे।
उनके चार संतानों के जन्म लेने के बाद भी एक भी जीवित नही रही।
उनके मुम्बई स्थित जनता टी हाउस गिरगांव मुंबई की आय को शिक्षा और समाजोत्थान में समर्पित किया।
उन्होंने सरकार की योजना में 1 लाख रुपया उन्होंने अपनी सादगीपूर्ण जीवन जीकर बचत से भरकर गांव की सेकंडरी स्कूल खुलवाई।
उनके धर्मपत्नी कमलादेवी के नाम एक स्कूल में होल का भी निर्माण करवाया।
समाज मे नोहरे का निर्माण
200 स्कूल में स्टूल टेबल
ओर उदयपुर संभाग में कई जगह पर हेण्डपम्प खुदवाए।
आश्रमो में मंदिरों में छात्रावासों में मुक्त हस्त से दानी स्वंत्रता सेनानी दादाजी का 94 वर्ष की उम्र में आज प्रातः 6 बजकर 30 मिनट पर मोक्षगति को प्राप्त हुए।
पूर्व में ग्रामीणों ने राज्य सरकार से मांग कर रखी है कि गांव की उ मा विद्यालय सामलिया का नामकरण स्वर्गीय दादाजी शंकर लाल शर्मा के नाम करवाने की मांग पुनः की है।
आज उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। उन्हें समाज के लोगों सहीत वागड़ की जनता ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विदाई दी ।
16 फ़रवरी 2022 वकालात छोड़कर वंचितो की सेवा में समर्पित रहे, सरकारी वज़ीफा ठुकराने वाले स्वतंत्रता सैनानी व सागवाड़ा के पहले प्रधान शंकरलाल शर्मा
- राजेंद्र पंचाल सामलिया
हम सभी जानते हैं कि आजादी के आंदोलन में राजस्थान का दक्षिणांचल वागड़ काफ़ी सक्रिय रहा. भोगीलाल पंडया, हरिदेव जोशी, गौरीशंकर उपाध्याय, शंकरलाल फलोजिया, लालशंकर जोशी वमासा, विष्णु भाई डामडी, शिवलाल कोटडिया, बनवारी लाल मेहता से लेकर गोविंद गुरु, भीखाभाई, नानाभाई खांट समेत कई अनाम विभुतियों ने अहम भूमिका निभाई.
इसी में एक नाम था शंकरलाल शर्मा (भट्ट)। सामलिया मूल के शंकर लाल जी राजस्थान सेवा संघ की डूंगरपुर शाखा के आप अध्यक्ष भी रहें। कॉलेज के दिनों से राजनीति में सक्रिय रहते हुए कार्य किया, 1946 में जब प्रजा मंडल अधिवेशन डूंगरपुर में रखा गया था तब आप सक्रिय सदस्य एवं मुख्य कार्यकर्ता रहें थे।