इतने सबुत छोड़ गए अपराधी लेकिन पुलिस नहीं पकड़ पाई
सागवाड़ा डूंगरपुर जिले के ओबरी थाना अंतर्गत पिछले दिनों 5 राष्ट्रीय पक्षी मोर को मारने का मामला सामने आया था क्या थी पूरी घटना
राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने वाले शिकारियों के वाहन व हथियार को किया जप्त प्रकरण दर्ज सागवाड़ा डूंगरपुर जिले के ओबरी थाना अंतर्गत बीती रात रात्रिकालीन गश्त के दौरान घाटा का गांव जादेला मोड पर सुबह 4:15 पर एक थार जीप को संदिग्ध अवस्था में देखकर रोका जिसमें चार व्यक्ति संदिग्ध पाए गए थानाधिकारी अनिल देवल ने बताया कि जाप्ते द्वारा गाड़ी चेक करने पर चारों व्यक्ति खेतों में भाग खड़े हुए हेड कांस्टेबल हरीश एवं कांस्टेबल अमित से उन व्यक्तियों का पीछा किया लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर चारों भाग खड़े हुए जीप में तलाशी लेने पर पीछे की सीट पर दो टोपीदार बंदूक और कमर में बांधने का पाउच मिला जिसके अंदर एक प्लास्टिक की छोटी बोतल बारूद व जुराब लाल रंग के करीब 1 किलो वजन छोटे व बड़े छर्रे एवं कांच की शीशी के अंदर बंदूक में लगाने की टोपियां करीब 60 नंग और कट्टे के अंदर 5 राष्ट्रीय पक्षी मोर मृत अवस्था में पाए गए जिसे जप्त कर थाने में लाया गया और वन विभाग को सूचित किया गया पूरे घटनाक्रम को लेकर प्रकरण दर्ज कर अभियुक्त गण की तलाश जारी है मोर का पोस्टमार्टम करवाकर नियमानुसार अंतिम संस्कार हेतु वन विभाग को सूपुर्द किए गए
पुलिस ने इस घटना में एक थार जीप लाइसेंस शुदा बंदूक जब तक की है जिसमें घटना में उपयोग में ली गई जीप किसी न किसी परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड होगी। घटना में उपयोग में ली गई बंदूक जिस पर लाइसेंस नंबर इंगित करता होगा कि यह बंदूक किसके नाम से रजिस्टर है। लेकिन अभी तक पुलिस उन अपराधियों को पकड़ने में नाकाम रही है। आखिर क्यों?राष्ट्रीय पक्षी मोर जो भारत देश का एक राष्ट्रीय पक्षी है और उसे मारने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई का प्रावधान है बावजूद ओवरी थाना पुलिस अभी तक अपराधियों को पकड़ने में सफल नहीं हो पाई।
इससे कई सारे सवाल उठता है कि आखिर पुलिस अपराधियों की पकड़ से दूर क्यों?
राष्ट्रीय पक्षी मोर को मारने वाले हत्यारों को पकड़ने में नाकाम रही पुलिस प्रशासन से क्या आस करे जनता । क्या अपराधियों में डर और कैसे करें आमजन में विश्वास।