भारतीय किसान संघ की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली आयोजित की जाएगी। जिसे लेकर कार्यकर्ता गाँव गाँव में तैयारियों में जुटे हुए हैं। रैली में देशभर के 550 जिलों से किसान दिल्ली में हुंकार भरेंगे। इस दौरान जिला डूंगरपुर से भी 20 बसें दिल्ली पहुंचेंगी। यह जानकारी सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने दी। जिल्ला अध्यक्ष नाथजी भाई
ने बताया कि देशभर के किसान फसलों के लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे। लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ अपने स्थापना काल से ही आंदोलन कर रहा है। सरकारों के द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयास किसान की दुर्दशा के मुकाबले नाकाफी हैं। इसलिए अब देशभर में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ता ग्राम जनसंपर्क करते हुए 19 दिसंबर को दिल्ली में लाखों की संख्या में किसान गर्जना रैली में शामिल होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करेंगे।
जिल्ला मीडिया प्रभारी लल्लु राम बिजुला ने बताया कि भारतीय किसान संघ फसलों के लाभकारी मूल्य की बात करता है, लेकिन एमएसपी के खिलाफ नहीं है। भारतीय किसान संघ के अनुसार एमएसपी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं है। लाभकारी मूल्य मिले बिना किसान का भला नहीं हो सकता है।
गलियाकोट तहसील अध्यक्ष गोविन्द राम गाटा का गांव ने बताया कि किसानों को अपने उत्पादों की इनपुट क्रेडिट नहीं मिल रही है, इसलिए कृषि आदानों पर जीएसटी समाप्त किया जाना चाहिए। किसान को मिलने वाली सब्सिडी सीधे किसान के खाते में दी जानी चाहिए। दूसरा कृषि आदान में मुद्रास्फीति वृद्धि के अनुपात में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। महंगाई के अनुपात में डीए, भत्ता, इंक्रीमेंट बढ़ता है तो किसान निधि भी सम्मानजनक ही मिलना चाहिए ।
सागवाड़ा तहसील अध्यक्ष रतनजी भाई ने बताया कि जिले में किसानों में दिल्ली जाने के लिए उत्साह है। विभिन्न गांवों में पीले चावल देकर किसानों को आमंत्रित किया जा रहा है। जिले में 12 तहसीलें, 162 ग्राम पंचायतें हैं। सभी पंचायतों से बसें किसानों से भरकर जाएंगी।
सूखी खाद्य सामग्री लेकर जाएंगे
मीडिया प्रभारी लल्लु राम बिजुला ने बताया कि किसान गर्जना रैली को लेकर व्यापक रणनीति तैयार की गई है। हर गाँव और ढाणी में किसानों से संपर्क और जनजागरण किया जा रहा है। गांवों, कस्बों में रथ, रैलियां और जुलूस निकालकर लोगों को लाभकारी मूल्य के बारे में बता रहे हैं। रैली में सभी किसान सूखी खाद्य नमकीन, मठरी इत्यादि सामग्री लेकर पहुंचेंगे। बड़ी संख्या में महिला किसान भी रैली के लिए पंजीयन करा रही हैं। साथ ही, उद्यमी, व्यापारी, मजदूर, कर्मचारी हर वर्ग का जन समर्थन आंदोलन को मिल रहा है।
आंदोलन की प्रमुख मांगें-
- लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य का लागू कर इसको मिलना सुनिश्चित किया जाए।
- सभी प्रकार के कृषि उपकरणों पर जीएसटी समाप्त हो
- किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढोतरी की जाए
- नदी जोड़ो परियोजना को प्राथमिकता दी जाए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सरलीकरण हो और दो वर्ष से लंबित मुआवजा शीघ्र जारी हो।
- भीखा भाई नहर परियोजना को जल्द पूरा करके उसका पानी सिचाई के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जाए ।
आधारित लाभकारी मूल्य की अवधारणा -
सरकार द्वारा घोषित एमसपी में खेती के लिए खाद, बीज, सिंचाई समेत अन्य खर्च की लागत के साथ अकुशल श्रमिक के लिए निर्धारित दैनिक आय को जोड़ा जाता है। भारतीय किसान संघ एमएसपी में कुशल उद्यमी की आय जोड़ने की मांग रहा है। किसान संघ की लाभकारी मूल्य की अवधारणा में कृषि खर्च में स्थाई संसााधन (जैसे ट्यूबेल, पंप, सिंचाई उपकरण, बुवाई उपकरण, हार्वेस्टिंग मशीनरी सहित विभिन्न संशाधनों) का ह्रास मूल्य, खेत के किराए, लागत के ब्याज को जोड़कर उसमें 50 फीसदी लाभांश जोड़कर लाभकारी मूल्य की घोषणा की बात की जाती है।