श्रीमद् भागवत सत्संग समिति के बैनर तले श्री श्री उत्तम गोपाल कृष्ण गौशाला सागवाड़ा के सहयोगार्थ 1 जनवरी 2023 से 7 जनवरी 2023 तक महिपाल खेल मैदान में आयोजित गौ कथा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सम्मिलित हुए थे । इस दौरान उन्होंने कथावाचक गोपालाचार्य गोपाल नंद सरस्वती के मुखारविंद से कथा का श्रवण भी किया था। गोपाल नंद सरस्वती महाराज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा था कि राजस्थान में गौ माता की स्थिति दयनीय है । इस विषय को लेकर सरकार को उचित प्रयास करने चाहिए, जिस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वस्त करते हुए कहा था कि राजस्थान सरकार गौ माता के लिए हर संभव प्रयास करेगी और गौ संवर्धन के प्रयास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी, वही राजस्थान सरकार ने इस गौ कथा के बाद गौ माता के लिए समर्पित भाव से एक आदेश प्रस्तावित किया है जिसको लेकर 1500 ग्राम पंचायतों में गौ मता के आश्रय निर्माण की घोषणा की गई है।
1500 ग्राम पंचायतों में गौशाला / पशु आश्रय स्थल का होगा निर्माण - मुख्यमंत्री ने गौशाला / पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना को दी सहमति जयपुर, 15 जनवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्राम पंचायतों में गौशाला / पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना को सहमति प्रदान की है। उन्होंने योजना के प्रथम चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में स्थल निर्माण एवं संचालन के लिए लगभग 1377 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी मंजूरी दी है।
योजना के अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला / पशु आश्रय स्थल का संचालन करने के लिए सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत / स्वयंसेवी संस्था) उपलब्ध होगी, वहां प्राथमिकता से एक-एक करोड़ रुपए तक की राशि से गौशालाएं स्थापित की जाएंगी।
इसके तहत वर्ष 2022-23 में 200 एवं 2023-24 में 1300 ग्राम पंचायतों में स्थलों का निर्माण किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार 90 प्रतिशत और कार्यकारी एजेंसी 10 प्रतिशत राशि वहन करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा स्थलों के निर्माण एवं संचालन के लिए वर्ष 2022-23 में 183.60 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2023-24 के लिए 1193.40 करोड़ रुपए सहित कुल 1377 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
श्री गहलोत के निर्णय से बेसहारा एवं निराश्रित पशुओं के लिए एक स्थाई आश्रय मिल सकेगा। किसानों को भी बेसहारा पशुओं की समस्या से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला / पशु आश्रय स्थलों का संचालन किए जाने की घोषणा की गई थी।
राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों के हित में निरंतर निर्णय लिए जा रहे हैं। प्रदेश में संचालित गौशालाओं को वर्ष में 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशालाएं खोली जा रही हैं। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर हिसाब से दूध पर अनुदान भी मिल रहा है।
इस घोषणा के बाद पशुपालकों सहित गौरक्षक एवं गौ भक्तों में खुशी का माहौल है हर तरफ अशोक गहलोत की इस सराहनीय कदम की प्रशंसा की जा रही है आपको बता दें कि बजट से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गौ माता के प्रति आदर भाव और भक्ति को देखकर सभी इसकी प्रशंसा कर रहे हैं।