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डूँगरपुर जिले के सुंदर पुर ग्रामपंचायत अन्तर्गत भीलवटा और ईन्द्रखेत गांव के बिच प्राकृतिक सोंदर्य के बिच बसा दो नदियो के संगम स्थल गांगडी और घुघरा नदी के बिच 14 बिघा जमिन क्षैत्र मे बसा खंडेश्वर महादेव मंदिर जो मावजी महाराज के इतिहास के साथ जुडा हुआ अतिप्राचिन भक्तो कि मनोकामना पुर्ण करने के लिए पुरे वागड मे प्रसिद्ध है । बताया जाता है कि यहा पर सोभाग्यशाली भक्तो को मंदिर परिसर मे नाग नागिन के रुप मे शिव पार्वती के दर्शन लाभ भी प्राप्त होते है । बरसो से दर्शन पुजन करने आते शिवभक्त ताराचंद भोई ने बताया कि यहां पर कई स्थानों महान तपस्वी और शिव भक्त आते हैं और कहीं लोग अपनी मन्नत मांगते हैं और उनकी मन्नत है पूर्ण होने पर चूरमा बाटी का भोग चढ़ाते हैं शिवरात्रि को यहां पर विशाल मेला भरता है और पूर्णिमा और हर सोमवार को दर्शनार्थियों का तथा लगता है साथ ही सावन के महीने में यहां पर विशेष अभिषेक किया जाता है मंदिर की पूजा करने वाले पुजारी गोतम लाल कोटेड गांव भिलवटा ने बताया कि मावजी महाराज ने यहीं पर धोनी जलाई थी और यहीं पर वे तपस्या करते थे तत्कालीन महारावल साहब डूंगरपुर में मावजी महाराज को इस धोनी से गिरफ्तार किया था और कारागृह में बंदी बना लिया था इसके बाद नाराज हुए मावजी महाराज गैप सागर की पाल पर जूते उतारकर बेणेश्वर धाम चले गए और तब से लौटकर वापस नहीं आए मावजी महाराज से जुड़ी हुई कुछ रोचक जानकारी भी उन्होंने बताई आइए देखते हैं पूरी रिपोर्ट