बच्चे का वजन मशीन से सीधे जाएगा सर्वर पर अधिकारी देख सकेंगे बच्चा कितना ठीक
कुपोषण से कम वजन वाले बच्चों में कमी लाने के लिए बनेगी रणनीति
अत्याधुनिक तकनीक से संचालित होने वाली डिजिटल वजन मशीन से नवजात के वजन का सही नाप हो सकेगा इसका रिकॉर्ड भी क्लाउड बेस्ड सर्वर पर इंटरनेट के जरिए रखा जाएगा अधिकारी को देख सकेंगे कि बच्चे ठीक हैं कितना बच्चों का वजन कम है।
वजन मशीन को दूसरे फेज में आज एसडीएच हॉस्पिटल, सागवाड़ा में वजन मशीन को लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग और आईपीई ग्लोबल की ओर से मशीनों को लगाया जा रहा है। शुभारंभ मुख्य अतिथि एसडीएम श्री राजीव द्विवेदी, पीएमओ डॉक्टर राजाराम मीणा ओर विशिष्ट अतिथि बीसीएमओ डॉ पंकज खाट, बीपीएम भंवर सिंह राणावत ओर सीडीपीओ मीनाक्षी वशिष्ठ ने फीता काट कर किया।
इस तरह से काम करेगी डिजिटल वजन मशीन
मशीन पर लिए जाने वाले वजन को शिशु के पीसीटीएस आईडी और उसके फोटो के साथ स्टोर करके क्लाउड बेस्ड सर्वर पर भेज देगी बेहतर मॉनिटरिंग के लिए यह मशीन अधिकारियों के मोबाइल से भी कनेक्ट की जाएगी ताकि समय-समय पर वजन की जांच मोबाइल एप्लीकेशन से की जा सके। रियल टाइम मॉनिटरिंग ही बड़े स्तर के कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित कर सकती है रिकॉर्ड संधारण भी इस मशीन के उपयोग से आसान हो जाएगा यह पूरा डाटा अपने सिस्टम में स्टोर करके रखती है जिला स्तर पर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कभी भी इसकी रिपोर्ट को देखा जा सकता है स्टाफ के सदस्यों को इसके लिए भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कुपोषणव कम वजन वाले बच्चों की निगरानी
आईपीई ग्लोबल के जिला प्रोग्राम मैनेजर डॉ सुखेन्द्र ओर ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि हमारा लक्ष्य विभाग के साथ मिलकर कम वजन वाले बच्चों के जन्म के समय पर ही पहचान कर उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य लाभ दिला कर कुपोषण को कम करना है डूंगरपुर जिले में सर्वाधिक प्रसव होने वाले स्वास्थ्य केंद्रों पर यह मशीन लगाई जा रही है जिसमे डूंगरपुर जिले में कुल 21 वजन मशीन लगाई जा चुकी हैं। बच्चे का वजन सर्वर पर भेजा जाएगा ताकि रिपोर्ट में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुपोषण और कम वजन वाले बच्चों में कमी लाने पर काम हो सकेगा। कार्यक्रम में डॉ करण, डॉ बनवारी लाल मीणा, सुनीता मीणा, गीता, लक्ष्मी, किरण सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।