कोरोना और मंहगाई कि मार जेल रही जनता को अब पेट्रोल कि हेट्रीक रेट ने कमर तोड दी ।
तेजी से बढ़ती हुई पेट्रोल की रेट आज सागवाड़ा में ₹100 पर पहुंच गई । अब दैनिक दिनचर्या में भारी बदलाव आने की संभावनाएं हैं क्योंकि जिन्हें हर रोज बाइक और कार की जरूरत है वे लोग इस बढ़ी हुई कीमत से आर्थिक परेशानी का बोझ झेलना शुरू कर देंगे । दैनिक ऑफिस दफ्तर में जाने वाले लोग बाइक से आने जाने का कार्य करते हैं और जिनके दिन में आने जाने में 1 लीटर भी पेट्रोल लगता है तो उन्हें अब सो रुपए चुकाने होंगे ऐसे में अगर कोई रोजमर्रा का कार्य करता है या दिन दहाढ़ी का कार्य करता है । जिसे ₹100 पेट्रोल की जरूरत पड़े और उसकी सैलरी भी कम हो तो ऐसे में किस तरह से वह अपना जीवन यापन करेगा ? दूसरी तरफ देखा जाए तो इस बढ़ी हुई कीमत से बाजारों में भी महंगाई बढ़ने की संभावना है ।
क्योंकि पेट्रोल और डीजल की कीमत में सीधे-सीधे आवागमन के साधनों पर निर्भर करती हैं । और ऐसे में अगर आवागमन के साधन महंगे हो जाते हैं तो निश्चित तौर पर बाजारों में कीमत बढ़ जाती है।
यातायात के साधनों में बस टैक्सी रिक्शा इन सभी की कीमतें अब धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाएगी और मध्यमवर्ग से लगाकर गरीब वर्ग इसमें बुरी तरह से पिस्ता नजर आएगा।
राजस्थान (Rajasthan) की सड़क पर गाड़ी चलाना और किचन में खाना बनाना महंगा हो गया है । कोरोना काल (Covid Time) में आर्थिक तंगी से जूझ रही जनता पर आए दिन महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है । नौ माह से घरेलू गैस सिलेंडर से सब्सिडी गायब हो गई है तो पेट्रोल (Petrol) का मीटर शतक लगा चुका है।
पेट्रोल-डीजल के साथ अब रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों ने आमजन को महंगाई के बोझ तले दबा दिया है । इन जरूरत की चीजों के बहाने सरकार और कंपनियां अब अपने खजाने भरने में जुटी हैं । राजस्थान की बात करें तो गैस के दाम बढ़ाने के बाद अब केन्द्र सरकार को हर महीने राजस्थान से ही लगभग 318 करोड़ रुपये की एक्सट्रा इनकम होगी क्योंकि कोरोना काल में मई से गैस सब्सिडी आनी बंद हो गई, जिसके बाद से आज तक गैस की कीमतों में लगभग 190 रुपये का अंतर आ गया है ।
पेट्रोल कि बढी हुई कीमत को लेकर युवा कांग्रेस कमेटी सागवाड़ा ने रेली निकालकर रोष जताया है।