एक तरफ हिंदुस्तान में श्री राम मंदिर निर्माण में हिन्दुस्तान के हिन्दू पाई पाई जोड कर हिन्दुस्तान के ही नहीं पुरे राष्ट्र में श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण के किर्तिमान को स्थापित कर रहे हैं । वही दुसरी तरफ राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक रुपए तक का श्री राम मंदिर निर्माण के लिए दान नहीं दिया लेकिन दरगाह के सोंदर्यीकरण के नाम पर कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुरी तरह से मेहरबान है । एक करोड़ रुपए की दरगाह के लिए घोषणा करने वाले अशोक गहलोत ने श्री राम मंदिर पर एक रुपए का दान नहीं दिया राजस्थान सहित पुरे हिंदुस्तान के लोगों के लिए एक प्रश्न खड़ा कर रहा है कि आखिर हिंदु धर्म पर अशोक गहलोत इतने नाराज़ क्यों है ।
अखबारों में दरगाह सोंदर्यिकरण पर करोड़ रुपए की घोषणा को लेकर मुस्लिम समाज राजस्थान सरकार और अशोक गहलोत को बधाई दे रहा है लेकिन अशोक गहलोत ने एक भी बार श्री राम मंदिर निर्माण को लेकर शुभकामनाएं या बधाई नहीं दि है जबकि श्री राम मंदिर निर्माण के इस कार्यक्रम में हिन्दुस्तान के मुसलमानो ने भी चंदा देकर हिन्दुओं को श्री राम मंदिर निर्माण होने पर शुभकामनाएं एवं बधाइयां दि है । जानकारों का मानना है कि अगर गहलोत साहब श्री राम मंदिर निर्माण में सहयोग देते तो विशेष समुदाय के वोट बैंक टुटने का खतरा था । अब शोसियल मिडिया पर इस बात को लेकर जम कर खिंचाई हो रही है ।
क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कि बात करे तो लगभग सभी नेताओ ने बढ़चढ़ कर श्री राम मंदिर निर्माण में सहयोग किया है यहां तक कि मुस्लिम समाज के नेताओं ने भी भाई चारे कि मिसाल पेश की है जिसका ताजा उदाहरण डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा नगर पालिका उपाध्यक्ष राजू भाई शेख है जिन्होंने श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपना दान सहयोग दिया है।
पुछता है हिन्दुस्तान- आखिर क्या साबित करना चाहते हैं राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत? क्यु दो समुदायों के लोगों में एसी भावना पैदा कर रहे हैं? सरकारी बजट का उपयोग विकास के कार्यों कि बजाय धार्मिक स्थल पर कर दो धर्मों के लोगों में क्या संदेश देना चाहते हैं?