कबीर विज्ञानाश्रम सेवा संस्थान सागवाड़ा के तत्वाधान में कबीर प्रकटोत्सव मनाया गया सागवाड़ा डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा उपखंड अंतर्गत कबीर विज्ञानाश्रम सेवा संस्थान सागवाड़ा अध्यक्ष देवचंद बुनकर के तत्वाधान एवं संत शिरोमणि असीम साहेब के सानिध्य में गुरुवार को कबीर प्रकटोत्सव मनाया गया। वक्ताओं ने कबीर साहेब की वाणी-विचारों का बखान भजनों, साखियों व प्रवचनों के माध्यम से किया। कबीर साहेब ने आडंबरों एवं रूढ़िवादिताओं का काफी खंडन किया है। चारों तरफ धार्मिक, पाखंड, जातिवाद, छुआछूत, अंधविश्वास, अंधश्रद्धा, अधर्म से युक्त कर्मकांड, मौलवी-मुल्ला तथा पंडित-पुरोहितों के ढोंग और सांप्रदायिकता के बादल छाए हुए थे । उसी काल में इन कुहासो को चीरते हुए कबीर रूपी दहकते हुए सूर्य का प्रकटत्व संवत 1455 को भारतीय क्षतिज पर हुआ। कबीर साहेब वो हीरा है, जिसकी चमक नित-नूतन और शाश्वत है। बाद अवधारणा जो कि मगहर में मरता है, वह गधे की योनि में जाता है। इस बात को आडंबर घोषित करने हेतु कबीर साहेब ने अपने शरीर को अंतिम समय में मगहर जाकर छोड़ा ।
कबीर साहेब के प्रकटोत्सव में ठाकुर महिपालसिंह बनकोड़ा, वलमजी यादव सागवाड़ा,वेलजी भाई बुनकर, बकोर भाई बुनकर जेठाना, प्रभुलाल बुनकर मांडव, रामजी भाई, हकरजी भाई बुनकर खुमानपुर, कुरिया दादा घाटा का गांव, शंकर भाई पादरा, कांतिलाल बुनकर जोगपुर, सुखलाल यादव साकोदरा, शंकरवाला मीणा चिकली, लोकेश यादव कुआं,कचरुलाल यादव अंबाडा, लक्ष्मण भाई मीणा सागवाड़ा एवं समस्त संगत महिला मंडल की उपस्थिति में कबीर प्रकटोत्सव संपन्न हुआ।