डूंगरपुर। संवाददाता प्रवीण सिंह राव
आज़ादी के 79 साल बाद भी डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा पंचायत समिति अंतर्गत आने वाले डोली गांव के हालात नहीं बदले हैं। गांव में सड़क, नाली और पक्का श्मशान घाट जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव आज भी ग्रामीणों को परेशान कर रहा है।
गांव के युवा नेता एवं सरपंच पद के दावेदार जितेंद्र रोत ने बताया कि गांव में सबसे बड़ी समस्या अंतिम संस्कार के समय आती है, क्योंकि श्मशान घाट तक जाने के लिए न तो पक्की सड़क है और न ही श्मशान घाट की कोई पुख्ता व्यवस्था। बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी भर जाने से हालात और भी खराब हो जाते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पूरे गांव में सड़क का कहीं नामोनिशान नहीं है, टूटी-फूटी पगडंडियों से ही लोगों को गुजरना पड़ता है। जगह-जगह पर पानी भरने और नालियों के अभाव से गंदगी फैलती है। ग्रामीणों ने कई बार यह मुद्दा पंचायत में उठाया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर प्रशासन और पंचायत कब तक चुप्पी साधे रहेंगे? क्या डोली गांव के लोगों को अब भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए इंतजार करना होगा?
ग्रामीणों की यही उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन जल्द सुनवाई कर गांव को मूलभूत सुविधाओं से जोड़े।