सरपंच तुलसी मालीवाड़ का जिला स्तरीय सम्मान नहीं होने पर ग्रामीणों में आक्रोश

 

ग्राम पंचायत पाडला हाडलिया में धूमधाम से मनाया गया 79वां स्वतंत्रता दिवस, सरपंच तुलसी मालीवाड़ को जिला स्तरीय सम्मान से वंचित करने पर ग्रामीणों में नाराजगी

डूंगरपुर। ग्राम पंचायत पाडला हा में 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह सरपंच श्रीमती तुलसी कचरा मालीवाड़ के सानिध्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय मार्ग 927 टोल नाका एवं पाडला हा उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी किया गया।

सरपंच तुलसी मालीवाड़ ने अपने संबोधन में अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें, उनकी समय पर स्कूल उपस्थिति सुनिश्चित करें और उनकी पढ़ाई से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही बच्चों का वास्तविक भविष्य निर्माण करती है।


आदिवासी युवा शक्ति संगठन के अध्यक्ष कचरा मालीवाड़ ने कहा कि बेटा-बेटी में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए, दोनों को समान शिक्षा का अधिकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नौकरी मिले या न मिले, पढ़ाई जरूरी है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि सरपंच तुलसी मालीवाड़ का स्वागत किया। इस मौके पर विद्यालय परिवार, ग्रामवासी, बालक-बालिकाएं और सभी समाज के लोग उपस्थित रहे।

ग्रामवासी करण सिंह राठौड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरपंच तुलसी मालीवाड़ जनहित कार्यों में हमेशा अग्रणी रही हैं और जिले में उनकी पहचान एक सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में है। वहीं, डूंगरलाल ने बताया कि ग्रामीणों ने दो बार जिला कलेक्टर को पत्र देकर सरपंच को जिला स्तरीय सम्मान दिलाने की मांग की थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते उनका नाम सूची से हटा दिया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच किसी पार्टी का नहीं, बल्कि जनता का प्रतिनिधि होता है और तुलसी मालीवाड़ ने अपने कार्यकाल में निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा, निःशुल्क पेयजल आपूर्ति, 68 बीघा भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करवाने और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी जैसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इन उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए था।ग्रामीणों ने इस मामले में जिला कलेक्टर और सागवाड़ा एसडीएम को पत्र सौंपकर न्याय की मांग दोहराई है।



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