RGHS कार्ड दुरुपयोग पर शिक्षिका निलंबित



रजीएचएस कार्ड घोटाले में महिला अध्यापिका सस्पेंड, सरकारी खजाने को लगा चूना – जांच एजेंसी करेगी जड़ तक छानबीन

जयपुर/दौसा। सरकारी स्वास्थ्य योजना को निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करने के आरोप में एक वरिष्ठ अध्यापिका पर विभागीय गाज गिरी है। जयपुर संभाग के संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा ने श्रीमती कुम्बोदिनी मीणा, वरिष्ठ अध्यापिका, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खो घाटी (दौसा) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

क्या है मामला?
14 अगस्त 2025 को राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी (RSHAA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एक रिपोर्ट भेजकर आरोप लगाया कि श्रीमती मीणा ने राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) कार्ड का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने से फर्जी भुगतान करवाया। आरोप है कि योजना के तहत उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं का बिल बढ़ा-चढ़ाकर, बिना वास्तविक इलाज के, सरकारी फंड से क्लेम कराया गया।

रिपोर्ट में इस कृत्य को “गंभीर दुराचार” मानते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। इसी आधार पर राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत प्रस्तावित जांच लंबित रहते हुए श्रीमती मीणा को निलंबित कर दिया गया और उनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय), माध्यमिक दौसा निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा।

जांच एजेंसी के संभावित अगले कदम

  • दस्तावेजी जांच: आरजीएचएस कार्ड से संबंधित सभी क्लेम, बिल, और अस्पताल रिकॉर्ड की बारीकी से जांच।
  • गवाहों के बयान: संबंधित अस्पताल स्टाफ, बिल प्रोसेस करने वाले अधिकारी, और योजना से जुड़े कार्मिकों के बयान दर्ज करना।
  • फॉरेंसिक ऑडिट: भुगतान प्रक्रिया और बैंक लेनदेन की फॉरेंसिक जांच, यह पता लगाने के लिए कि राशि किन खातों में गई।
  • नेटवर्क की पड़ताल: यह पता लगाना कि क्या इस गड़बड़ी में कोई अस्पताल, बिचौलिया या अन्य सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।

पृष्ठभूमि – आरजीएचएस कार्ड और घोटाले की जड़
आरजीएचएस (Rajasthan Government Health Scheme) राजस्थान सरकार की एक योजना है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को मुफ्त या रियायती इलाज की सुविधा दी जाती है। बीते कुछ सालों में इस योजना में फर्जी बिलिंग, इलाज दिखाकर क्लेम लेने, और अस्पताल-कर्मचारी-कार्ड धारक की मिलीभगत के कई मामले सामने आ चुके हैं।
इस मामले में भी शक जताया जा रहा है कि योजना का फायदा उठाकर न सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ, बल्कि अस्पताल और कार्ड धारक के बीच सांठगांठ की संभावना भी है। शिक्षा विभाग के सूत्र मानते हैं कि यदि जांच में आरोप सही पाए गए, तो यह दौसा जिले में सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण बन सकता है, जिससे कई और नाम भी सामने आ सकते हैं। 

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