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    AIBE परीक्षा से वंचित होने के संकट में लॉ स्टूडेंट्स:एलएलबी फाइनल ईयर परीक्षा का परिणाम अधूरा घोषित, अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी की कार्यशैली पर उठे सवाल

    4 days ago

    राजस्थान के हजारों विधि (LLB) छात्रों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी, जयपुर की ओर से एलएलबी फाइनल ईयर परीक्षा 2025 का परिणाम अधूरा घोषित किए जाने के कारण अब ये छात्र AIBE (All India Bar Examination) 20 में आवेदन करने से वंचित होने के कगार पर हैं। विश्वविद्यालय ने 18 अक्टूबर 2025 को एलएलबी फाइनल ईयर परीक्षा का परिणाम घोषित किया था। लेकिन जिन छात्रों के प्रथम या द्वितीय वर्ष में कोई विषय बैक थी, जिन्होंने उस विषय की परीक्षा फाइनल ईयर के साथ दी थी। उनके परिणाम अब तक जारी नहीं किए गए हैं। इस कारण इन छात्रों को AIBE परीक्षा के लिए आवश्यक LLB पास सर्टिफिकेट या मार्कशीट नहीं मिल पाई है। AIBE 20 परीक्षा के लिए आवेदन की तिथि बढ़ाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने AIBE 20 परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 28 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। इसके बावजूद यदि अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी 31 अक्टूबर या 1 नवंबर तक लंबित परिणाम घोषित नहीं करती, तो राज्य के हजारों एलएलबी फाइनल ईयर छात्र AIBE परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। छात्रों ने विश्वविद्यालय पर लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप छात्रों का कहना है कि यह विश्वविद्यालय की गंभीर लापरवाही है। जिन छात्रों ने तीन वर्ष की मेहनत के बाद अंतिम वर्ष की परीक्षा पूरी की है, उन्हें अब परिणाम के अभाव में AIBE जैसी राष्ट्रीय परीक्षा से वंचित किया जा रहा है। छात्रों ने दी सामूहिक प्रदर्शन की चेतावनी छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि 31 अक्टूबर तक रिजल्ट घोषित नहीं किया गया तो वे विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ सामूहिक विरोध दर्ज कराएंगे। परिणाम घोषित नहीं हुआ तो वकालात के पेशे में नहीं कर पाएंगे प्रवेश BCI द्वारा आयोजित AIBE 20 परीक्षा 30 नवंबर 2025 को देशभर में आयोजित की जानी है। यह परीक्षा हर विधि स्नातक के लिए अनिवार्य है, ताकि उन्हें एडवोकेट लाइसेंस मिल सके। ऐसे में यदि राजस्थान के छात्रों का परिणाम समय पर घोषित नहीं होता, तो वे इस साल वकालत के पेशे में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। 2024 तक एआईबीई परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती थी, लेकिन 2025 से BCI ने ये परीक्षा साल में एक बार कराने का फैसला किया है। इस परीक्षा से कोर्ट में अभ्यास करने का लाइसेंस मिलता है। छात्रों ने राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। ताकि परिणाम जल्द जारी हो सके और किसी भी छात्र का शैक्षणिक या व्यावसायिक नुकसान न हो।
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