SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    भीड़ देख सांसदजी ने किया डांस:IAS ने दिखाया 'सिंगिंग टैलेंट'; नेताजी को प्रचार के दौरान मिले 'कविराज'

    5 days ago

    नमस्कार सांसद महोदय ने अपनी पार्टी का स्थापना दिवस मनाया। भीड़ देख सांसद जी नाच उठे। जयपुर में IAS अधिकारी का सिंगिंग टैलेंट सामने आया। हालांकि वे विदेश में भी गायकी का जलवा दिखा चुके हैं। अंता उपचुनाव में नेताजी को प्रचार के दौरान कविराज मिल गए। प्रचार ने मिनी सम्मेलन का रूप ले लिया। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1. भीड़ देख नाच उठे सांसद जी नेता को क्या चाहिए- भीड़। भीड़ देख नेताजी गदगद हो गए। खुशी में झूम उठे। उन्हें प्रदेश में तीसरे मोर्चे का मजबूत बीजारोपण होता दिखाई दिया। पार्टी का भविष्य साफ नजर आया। इसलिए मंच पर बेटा-बेटी को भी ले आए। बेटे ने जयकारे लगवा दिए। बेटी ने पापा का गुणगान किया। नेताजी की पार्टी का विधानसभा में एक भी सदस्य नहीं है। फिर भी इरादे आसमानी हैं। सीधे प्रदेश के मुखिया को ललकारते हैं। पूर्व सीएम मैडम को सात समंदर पार भेजने का दावा करते हैं। भाषण कुछ लंबे चल गए। लोग उकताने लगे। उठकर जाने लगे। नेताजी ने डांट लगा दी। बोले- जब तक लास्ट भाषण नहीं हो, बैठे रहो, परिवर्तन ऐसे नहीं आता, जमे रहने से आता है। 2. पशुपालन विभाग के शासन सचिव का सिंगिंग टैलेंट अफसर में यह निपुणता तो होनी चाहिए, किसी भी सरकार के साथ सुर साध ले। सच्चा टैलेंट यही है। सूबे के एक बड़े अफसर साहब को गीत गाने का बड़ा शौक। माइक हाथ में आते ही अंदर का कलाकार जाग उठता है। जयपुर में दीपावली के स्नेह मिलन कार्यक्रम में वे चीफ गेस्ट थे। वहीं मौका मिला। उन्होंने गाया- आते जाते खूबसूरत आवारा सड़कों पर..। महफिल में खूब वाहवाही हुई। साहब का जोश बढ़ा। लोगों ने मोबाइल में फनकार को कैद किया। वैसे ये शौक नया नहीं है। किसानों को डेनमार्क ले जाकर वहां अफसर महोदय 'मेरे देश की धरती सोना उगले' गा चुके हैं। 3. स्टेट हाईवे के बीचों-बीच गड्‌ढा, गड्‌ढे में नीम स्टेट हाईवे पर गड्‌ढा हो गया। छोटा-मोटा मामूली गड्‌ढा नहीं। ऐसा कि दुपहिया सवार की तो जान ले सकता है। गड्‌ढा शहर में होता तो इसे कोई नहीं पूछता। जैसा है, वैसे पड़े रहने दिया जाता। नेता गड्‌ढे के पास धरना लगाता और अफसर गड्‌ढे जितना बजट न होने का हवाला देता। लेकिन गड्‌ढा बना शहर से दूर गांव में। गांव में गड्‌ढा ज्यादा देर उपेक्षा का शिकार नहीं रह पाया। किसी ग्रामीण ने गड्‌ढे में नीम की डालियां घुसा दी और एक लाल कपड़ा डाल दिया। अफसर ने कहा तो है कि गड्‌ढा भर देंगे। तब तक भैया नीम से बचकर चलना है। 4. चलते-चलते... माहौल चुनावी है। अंता सीट का फैसला उपचुनाव में होना है। भायाजी मैदान में हैं, पत्नी को भी पर्चा भराया। इधर से भाजपा वाले अभी तक ठंडे हैं। एक बागी ने हलचल मचाई थी वह भी मान गया। घूम-फिर कर एक ही आदमी हर तरफ नजर आ रहा है। कभी हाथ जोड़कर धमकी देता है, कभी प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेताओं से मिल रहे गुप्त समर्थन का ऐलान करता है। पूर्व मुखियाजी ने नेताजी को बड़े पते की बात बताई थी। गुस्सा ठंडा करो। थोड़ा धीरज पालो। राजनीति में धीरज गए जमाने की बात। अब तो क्रिकेट में भी सूर्यवंशी चल रहे हैं। चौका-छक्का मारना है। नेताजी ने ट्रैक बदला। प्रचार के दौरान वे भड़के नहीं। एक कवि को पकड़ लाए। कवि ने भी महफिल सजा दी। खुश होकर नेताजी ताली पीटने लगे। मन की बात कह कविराज ने। वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...
    Click here to Read more
    Prev Article
    टूरिस्ट से भरी जैसलमेर की टेंट सिटी में लगी आग:म्यूजिक प्रोग्राम छोड़कर भागे लोग, एक किलोमीटर दूर तक दिखी लपटें
    Next Article
    डीपीएस जोधपुर ने नवी मुंबई को 51-19 से हराया:जोधपुर में बास्केटबॉल टूर्नामेंट, ध्यानचंद अवार्डी रामकुमार ने किया उद्घाटन

    Related Rajasthan Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment