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    काबुल में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक:TTP चीफ को मारने का दावा; तालिबान बोला- पाकिस्तान हमे उकसाओ मत, वरना अमेरिका से हालत पूछ ले

    1 week ago

    पाकिस्तान ने गुरुवार रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कई ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, एयरफोर्स ने TTP चीफ मुफ्ती नूर वली मेहसूद को मारने का दावा किया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महसूद पूर्वी काबुल में बने एक ठिकाने में मौजूद था। उसकी कार और गेस्टहाउस को निशाना बनाया गया। तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट में किसी के घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं है। वहीं, तालिबान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने कहा- पाकिस्तान को हमारे के साथ खेल खेलना बंद कर देना चाहिए। अफगानिस्तान को ज्यादा मत उकसाओ। अगर तुम ऐसा करते हो, तो एक बार ब्रिटेन और अमेरिका से पूछ लो, वे तुम्हें समझा देंगे कि अफगानिस्तान के साथ ऐसे खेल खेलना ठीक नहीं है। हम एक कूटनीतिक रास्ता चाहते हैं। पाकिस्तान ने काबुल पर ऐसे वक्त में एयरस्ट्राइक की है जब, तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी 7 दिन के भारत दौरे पर आए हुए हैं। वे यहां पर 7 दिन रहेंगे। TTP का चौथा अध्यक्ष है मेहसूद नूर वली महसूद का जन्म 26 जून 1978 को पाकिस्तान के दक्षिणी वजीरिस्तान के गुड़गांव इलाके में हुआ था। वह पाकिस्तान के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है। मुल्ला फजलुल्लाह की मौत के बाद उसने संगठन की कमान संभाली। वह TTP का चौथा अध्यक्ष है। डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक महसूद 2003 में एक जिहादी गुट में शामिल हुआ था। यह गुट पाकिस्तान के कबायली इलाकों में तालिबान शासन के समय उभरा था। फिर बाद में 2007 में बैतुल्लाह महसूद की अगुवाई में TTP का हिस्सा बन गया। साल 2013 तक नूर वली महसूद कराची में TTP की गतिविधियों की देखरेख करने लगा था। वह पूरे पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों के लिए पैसे जुटाने के मकसद से जबरन वसूली और अपहरण के नेटवर्क का नेतृत्व करता था। उसने कराची में पश्तूनों को आदेश दिया था कि अपने विवाद वे TTP की ‘तालिबान अदालतों’ में सुलझाएं। जो लोग ऐसा नहीं करते थे, उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ता था। ऐसा माना जाता है कि महसूद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इधर-उधर रहता था और उसके पास पाकिस्तानी नागरिकता है। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बना TTP 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से TTP ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ रखा है। TTP को पिछले बारह साल में पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आतंकवादी खतरा माना जा रहा है।पाकिस्तान का आरोप है कि TTP के लड़ाके सीमा पार अफगानिस्तान से ट्रेनिंग लेकर पाकिस्तान लौटते और हमला करते हैं। हालांकि तालिबान दावा करता है कि वह TTP का समर्थन नहीं करता।पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज के अनुसार, देश में आतंकवादी हमले 2015 के बाद सबसे ज्यादा हो गए हैं, और TTP इसकी मुख्य वजह है। वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के इन हमलों की वजह से ही पाकिस्तान आतंकवाद प्रभावित देशों की सूची में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। अमेरिकी हमले के जवाब में TTP का गठन 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले का समर्थन किया। इससे नाराज होकर 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया। TTP ने कबायली इलाकों में शरिया कानून लागू किया और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों पर हमले किए। TTP ने यूनिवर्सिटीज, धार्मिक नेताओं और नागरिक ठिकानों को भी निशाना बनाया, और यहां तक कि पाकिस्तान के बड़े शहरों में भी हमले किए। पाकिस्तानी सेना और अमेरिकी ड्रोन हमलों के बावजूद, पाकिस्तानी तालिबान (TTP) को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका। 2018 में पाकिस्तान ने TTP पर जीत की घोषणा की थी, लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ। ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें... पाकिस्तान के क्वेटा में बम ब्लास्ट, 10 की मौत: 32 घायल, राष्ट्रपति जरदारी बोले- इसके पीछे भारत समर्थित आतंकियों का हाथ पाकिस्तान के क्वेटा शहर में 30 सितंबर को सुसाइड बम ब्लास्ट हुआ। पाकिस्तानी न्यूज पेपर डॉन के मुताबिक, इसमें 10 लोगों की मौत हुई और 32 घायल हुए। मारे गए लोगों में 4 उग्रवादी भी शामिल थे। पूरी खबर यहां पढ़ें...
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