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    प्रोसेस हाउस द्वारा 2 प्रतिशत हैंडलिंग चार्ज बढ़ाने का विरोध:भीलवाड़ा में कपड़ा व्यापारी हुए लामबंद, बोले- मनमर्जी चार्ज बढ़ाना गलत, कपड़ा प्रोसेट करने नहीं भेजेंगे

    1 month ago

    भीलवाड़ा में प्रोसेस हाउस द्वारा 2% हैंडलिंग चार्ज लगाने के विरोध में आज कपड़ा व्यापारी सड़क पर उतरे, जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच एक मीटिंग की और उसके बाद जिला कलेक्टर एसपी और सांसद को ज्ञापन देकर 2% हैंडलिंग चार्ज हटाने की मांग की। 2% हैंडलिंग चार्ज प्रोसेस हाउस की मनमानी इनका कहना है कि 2% हैंडलिंग चार्ज प्रोसेस हाउस की मनमानी है,आज 2% चार्ज लगाया है आगे इसे और बढ़ाया जाएगा,इस तरह की परिपाटी शुरू होना गलत है।इससे पूर्व मुखर्जी पार्क में व्यापारियों की ने बैठक का आयोजन किया,इस बैठक में बड़ी संख्या में शहर के कपड़ा व्यापारी इकट्ठा हुए और सभी ने एक स्वर में 2% हैंडलिंग चार्ज लगाने का विरोध किया। व्यापारियों ने कपड़ा प्रोसेस पर भेजना रोका प्रोसेस हाउसों की ओर से एक अक्टूबर से 2 प्रतिशत अतिरिक्त हेंडलिंग चार्ज के विरोध के चलते कपड़ा व्यापारियों ने ग्रे कपड़े को प्रोसेसिंग के लिए रोक दिया।मंगलवार से 400 विविंग इकाइयों व 600 जोबर ने अपना 30 लाख मीटर ग्रे कपड़ा प्रोसेसिंग के लिए नहीं भेजा। सांसद भी विरोध में सांसद एवं भीलवाड़ा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल भी इसके विरोध में आ गए। उन्होंने कहा कि प्रोसेस हाउस संचालक लागत बढ़ने पर प्रोसेसिंग दरें बढ़ा सकते हैं। लेकिन, लेवी लगाना सरकार का काम है। प्रोसेसिंग चार्ज बढ़ाने पर एकराय नहीं बनी तो लगाया हैंडलिंग चार्ज प्रोसेस हाउस संचालकों के बीच प्रोसेसिंग चार्ज बढ़ाने को लेकर एकराय नहीं बन पाई थी। सभी प्रोसेसर्स इस बात पर सहमत नहीं थे कि दरों में सीधी बढ़ोतरी की जाए। ऐसे में एक नया रास्ता अपनाते हुए हेंडलिंग चार्ज के नाम पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला लिया गया।व्यापारियों का कहना है की इस अतिरिक्त चार्ज से उनकी लागत बढ़ रही है, जिससे व्यापार पर सीधा असर पड़ रहा है। कपड़ा प्रोसेस करवाने के बाद लेने ही नहीं आते इधर प्रोसेस हाउस संचालकों को कहना है कि व्यापारियों ने उनके प्रोसेस हाउस को गोडाउन समझा है।कपड़ा प्रोसेस करवाने देते हैं फिर साल साल भर निकल जाने के बाद तक भी लेने नहीं आते है। अगर लेने आते हैं तो भी उनकी जरूरत के मुताबिक ले जाते हैं बाकी कपड़ा वहीं छोड़ देते हैं ऐसे में हमें टाइम पर पेमेंट नहीं होता ओर कास्टिंग बढ़ जाती है ।
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