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    रतन टाटा के करीबी मेहली मिस्त्री टाटा ट्रस्ट से बाहर:नोएल टाटा समेत तीन ने मिस्त्री के खिलाफ वोट डाला, 2022 से ट्रस्ट में थे

    4 days ago

    रतन टाटा के करीबी रहे मेहली मिस्री को सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के बोर्ड से बाहर कर दिया गया है। तीन ट्रस्ट्रीज नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने री-अपॉइंटमेंट के खिलाफ वोट डाला। तीन और लोग - प्रमीत झावेरी, डेरियस खंबाटा और जहांगीर एचसी जहांगीर - मेहली की दोबारा नियुक्ति के पक्ष में थे, जबकि रतन टाटा के भाई जिमी टाटा ने वोटिंग से किनारा कर लिया। चूंकि ये रेजोल्यूशन खुद मेहली से जुड़ा था, इसलिए उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। चार ट्रस्टीज - नोएल टाटा, श्रीनिवासन, सिंह और खंबाटा - दोनों SDTT और SRTT में हैं। वहीं प्रमीत झावेरी SDTT में, और जहांगीर जहांगीर व जिमी टाटा SRTT में है। ट्रस्टीज की नियुक्ति या हटाने के लिए सबकी सहमति जरूरी टाटा ट्रस्ट्स के दो मुख्य चैरिटी आर्म्स - सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) में वोटिंग के अलग-अलग सिस्टम हैं। ट्रस्ट डीड के मुताबिक, SDTT में साधारण बहुमत काफी है, लेकिन SRTT में सबकी एक राय होनी चाहिए। हालांकि, ट्रस्टीज की नियुक्ति या हटाने के लिए तो हर हाल में सबकी सहमति जरूरी है। इन नियमों के आधार पर मेहली का तीन साल का टेन्योर मंगलवार को खत्म हो गया। टाटा संस के 66% शेयर कंट्रोल करता है टाटा ट्रस्ट टाटा ट्रस्ट्स में सर रतन टाटा ट्रस्ट समेत कुछ और ट्रस्ट्स है। ये ट्रस्ट्स टाटा संस के 66% शेयर कंट्रोल करते हैं। टाटा संस में TCS, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां है। मिस्त्री 2022 से सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (SDTT) और सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के ट्रस्टी थे। ये दोनों मुख्य ट्रस्ट्स मिलकर टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 51% हिस्सेदारी रखते हैं। इनके पास टाटा संस के बोर्ड में एक-तिहाई सदस्यों को नॉमिनेट करने का हक है। विजय सिंह को टाटा संस के बोर्ड से हटाने से शुरू हुआ विवाद श्रीनिवासन की बहाली को मिस्त्री ने शर्त के साथ मंजूरी दी थी मिस्त्री ने पिछले हफ्ते श्रीनिवासन की सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन के तौर पर बहाली को शर्त के साथ मंजूरी दी थी। उन्होंने एक ईमेल में कहा था- अगर कोई ट्रस्टी वेणु श्रीनिवासन की बहाली वाला रेजोल्यूशन पास न करे या बाकी ट्रस्टीज के लिए वैसा ही एकमत रेजोल्यूशन न लाए जब उनके टर्म खत्म होंगे, तो मैं श्रीनिवासन की बहाली को अपनी औपचारिक मंजूरी नहीं दूंगा। बोर्ड के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं मिस्त्री अब अंदर बहस चल रही है कि क्या मिस्त्री श्रीनिवासन की मंजूरी वापस ले लेंगे या उनकी बहाली को मंजूरी न देने के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नोएल टाटा, श्रीनिवासन और सिंह ने इस पर लीगल एडवाइस ली है। लेकिन एक ट्रस्टी ने साफ कहा- शर्त वाली मंजूरी कानूनी तौर पर टिक नहीं सकती। कोई भी रेजोल्यूशन पास होने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता। कानूनी रूप से ये सही नहीं है। मिस्त्री के बाहर जाने का असर क्या होगा? मेहली का जाना टाटा संस बोर्ड में नई नॉमिनेशन लाएगा। शायद नोएल कैंप का पलड़ा भारी होगा। ये ट्रस्ट्स की एकता पर सवाल उठाता है। शापूरजी पलॉन्जी ग्रुप यानी, SP ग्रुप के साथ पुराना विवाद फिर गरम हो सकता है। साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं मेहली मिस्त्री मिस्त्री एम पलॉन्जी ग्रुप के प्रमोटर हैं, जिसमें इंडस्ट्रियल पेंटिंग, शिपिंग, ड्रेजिंग, कार डीलरशिप जैसे बिजनेस हैं। उनकी कंपनी स्टरलिंग मोटर्स टाटा मोटर्स की डीलर है। मिस्त्री शापूरजी मिस्त्री और उनके दिवंगत भाई साइरस मिस्त्री के चचेरे भाई हैं। शापूरजी पलॉन्जी ग्रुप के पास टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है।
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