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डेब्यू के 18 साल और 276 वनडे बाद रोहित शर्मा वनडे के नंबर-1 बल्लेबाज बन ही गए। 5 साल तक टीम में जगह फिक्स नहीं कर सके रोहित का करियर ओपनिंग शुरू करने के बाद पलटा। 35 की उम्र में कप्तानी मिली और 38 साल की उम्र में दुनिया के सबसे उम्रदराज नंबर-1 वनडे बल्लेबाज बन गए। स्टोरी में जानिए रोहित शर्मा के करियर ने किस तरह करवटें बदलीं... अंडर-19 वर्ल्ड कप से पहचान बनाई 2006 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया रविकांत शुक्ला की कप्तानी में खेलने उतरी। टीम फाइनल में पाकिस्तान से हार गई, लेकिन टूर्नामेंट ने चेतेश्वर पुजारा, रवींद्र जडेजा, पीयूष चावला और रोहित शर्मा जैसे भविष्य के सितारे भारत को दे दिए। पुजारा 349 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द सीरीज बने। रोहित टूर्नामेंट में भारत के तीसरे टॉप स्कोरर बने। उन्होंने 3 फिफ्टी लगाकर 202 रन बनाए। रोहित घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इसी प्रदर्शन के दम पर 2007 में उन्हें वनडे डेब्यू का मौका मिल गया। उसी साल उन्होंने टी-20 डेब्यू भी किया और वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा बन गए। 5 साल तक वनडे टीम में अंदर-बाहर होते रहे डेब्यू के बाद रोहित लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे। उन्हें मिडिल ऑर्डर में बैटिंग का मौका मिल रहा था, जहां वे कुछ खास छाप नहीं छोड़ पाए। रोहित ने 2012 तक टी-20 वर्ल्ड कप तो सभी खेले, लेकिन 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में जगह नहीं बना सके। 2012 तक रोहित 86 मैचों में 30 के सामान्य औसत से करीब 2 हजार वनडे रन ही बना सके। भारत के लिए 2000 वनडे रन बनाने के लिए उनसे ज्यादा पारियां 2 ही खिलाड़ियों ने ली थी। इस दौरान टी-20 में जरूर उन्होंने 5 फिफ्टी लगा दी, लेकिन जिस करिश्मे की उम्मीद उनसे की जा रही थी, वो अब अब तक नजर नहीं आया था। ओपनिंग पोजिशन ने बदली किस्मत जनवरी 2013 में होमग्राउंड पर भारत ने इंग्लैंड से सीरीज खेली। टेस्ट सीरीज भारत ने गंवा दी, वहीं टी-20 सीरीज 1-1 से बराबर रही। इंग्लैंड ने वनडे सीरीज का पहला मैच जीत लिया। भारत ने दूसरे और तीसरे मैच को जीतकर सीरीज में वापसी कर ली। चौथे वनडे में भारत ने बड़ा बदलाव किया। रेगुलर ओपनर अजिंक्य रहाणे को हटाया और उनकी जगह रोहित को ओपनिंग करने का मौका दिया। 23 जनवरी 2013, मोहाली का मैदान और नंबर-1 वनडे टीम इंग्लैंड के सामने टीम इंडिया। सीरीज दांव पर और भारत नए ओपनर रोहित के साथ उतर आया। इंग्लैंड ने 257 रन बनाए। रोहित ने 93 गेंद पर 11 चौके और 1 छक्का लगाकर 83 रन बना दिए। उनकी पारी ने टीम को 258 रन के टारगेट तक पहुंचा दिया। भारत ने 5 विकेट से मुकाबला और सीरीज अपने नाम कर ली। सीरीज के आखिरी वनडे में रोहित 4 रन ही बना सके, लेकिन चौथे वनडे में प्रदर्शन ने 4 महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी जगह फिक्स कर दी। रोहित ने यहां शिखर धवन के साथ ओपनिंग की और भारत को 5 में से 4 मैचों में मजबूत शुरुआत दिलाई। दोनों ने 2 फिफ्टी और 2 सेंचुरी पार्टनरशिप की। रोहित ने 2 फिफ्टी लगाई और वे बस फाइनल में 10 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सके। 5 साल में 3 दोहरे शतक लगाए ओपनिंग पोजिशन को रोहित ने एक ही साल में अपना बना लिया। चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारत ने उसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज खेली। आखिरी वनडे से पहले सीरीज 2-2 की बराबरी पर थी। 2 नवंबर को आखिरी मुकाबला हुआ। बेंगलुरु में पहले बैटिंग करने उतरी टीम को रोहित और धवन ने मजबूत शुरुआत दिलाई। धवन 60 रन बनाकर आउट हुए, उनके ठीक बाद सीरीज में 2 शतक लगा चुके विराट कोहली रन आउट हो गए। पूरी जिम्मेदारी रोहित पर आ गई, जिन्होंने दोहरा शतक लगाया और भारत को 383 रन तक पहुंचा दिया। यह उनके इंटरनेशनल करियर की पहली डबल सेंचुरी रही। भारत ने 57 रन से मैच जीता और सीरीज अपने नाम कर ली। 2013 में पहले दोहरे शतक के बाद रोहित ने 2014 में दूसरा और 2017 में तीसरा दोहरा शतक भी लगा दिया। 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में शिखर धवन के बाद रोहित दूसरे टॉप स्कोरर भी रहे। 5 साल के अंदर उन्होंने 5 बार वनडे में 160 से ज्यादा रन के स्कोर बनाए। इनमें ऑस्ट्रेलिया जाकर 171 रन की पारी भी शामिल रही। 2019 वर्ल्ड कप में 5 शतक लगाए 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में रोहित का पीक फॉर्म आ गया। उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए 5 शतक लगा दिए। वे टूर्नामेंट में महज एक बार अपनी फिफ्टी को शतक में कन्वर्ट नहीं कर सके। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने 57 रन बनाकर टीम को मजबूत शुरुआत दिलाई। उनके सामने धवन ने सेंचुरी लगाकर टीम को जीत दिला दी। रोहित टूर्नामेंट के टॉप स्कोरर बने, लेकिन टीम सेमीफाइनल हारकर खिताब नहीं जीत सकी। विराट और बाबर ने नंबर-1 बनने से रोका 2013 से 2019 तक रोहित अपने पीक फॉर्म में रहे, लेकिन विराट कोहली के टॉप पोजिशन पर रहने के कारण रोहित नंबर-1 वनडे बैटर नहीं बन सके। इस दौरान उन्होंने अपनी करियर बेस्ट 882 रेटिंग भी हासिल की, लेकिन विराट 909 पॉइंट्स के साथ टॉप पर रहे। विराट जब टॉप से हटे तो पाकिस्तान के बाबर आजम ने पहला स्थान संभाल लिया और रोहित का इंतजार बढ़ गया। इस दौरान बाबर के 898 पॉइंट्स हो गए थे। रोहित 2016 में पहली बार टॉप-10 में आए थे, 2018 में उन्हें पहली बार नंबर-2 स्पॉट मिला। 2024 तक भी रोहित नंबर-2 स्पॉट के आसपास ही रहे, लेकिन टॉप पर नहीं पहुंच सके। प्लेयर ऑफ द सीरीज के बाद नंबर-1 बने 19 फरवरी 2025 को भारत के ही शुभमन गिल ने बाबर को टॉप पोजिशन से हटा दिया। शुभमन 7 महीने तक नंबर-1 पर रहे और रोहित का इंतजार बढ़ाए रखा। तब शुभमन के 796 पॉइंट्स थे। चैंपियंस ट्रॉफी में शुभमन और रोहित दोनों ही टॉप स्कोरर रहे, इस कारण रैंकिंग के टॉप-3 पोजिशन में कायम भी रहे। करीब 7 महीने बाद भारत ने अब अक्टूबर में वनडे सीरीज खेली। शुभमन तीनों मुकाबलों में फ्लॉप रहे और सीरीज में 50 रन भी नहीं बना सके। दूसरी ओर, रोहित ने दूसरे वनडे में फिफ्टी और तीसरे में सेंचुरी लगा दी। 202 रन के प्रदर्शन ने उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज तो बनाया ही ICC की लेटेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 वनडे बल्लेबाज भी बना दिया। 38 साल, 182 दिन के रोहित सबसे उम्रदराज नंबर-1 बल्लेबाज बने। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ा, जो 38 साल, 73 दिन की उम्र में नंबर-1 बैटर बने थे। रोहित अब 30 नवंबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे खेलते नजर आएंगे। 35 की उम्र के बाद कप्तान बने रोहित का बैटिंग करियर जिस तरह 5 साल के इंतजार के बाद चमकना शुरू हुआ। उसी तरह उनका कप्तानी करियर भी 35 साल की उम्र के बाद शुरू हुआ। 2022 में विराट के बाद रोहित को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी मिली। वनडे और टी-20 क्रिकेट में रोहित ने अपना बेस्ट दिया। 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत सेमीफाइनल हार गया, जिसके बाद रोहित ने टीम का माइंडसेट बदलने की ठान ली। 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में भारत ने लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ गया। भारत को 11 साल बाद ICC टाइटल जिताया 19 नवंबर 2023 को भारत ने वनडे वर्ल्ड कप गंवाया था। 6 महीने बाद ही 20 टीमों के बीच टी-20 वर्ल्ड कप खेला गया। रोहित की कप्तानी में भारत ने अजेय रहते हुए फिर एक बार फाइनल तक का सफर तय किया। टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 रन के करीबी अंतर से हराया और 11 साल बाद ICC ट्रॉफी जीतने का सूखा खत्म कर लिया। भारत ने 17 साल बाद रोहित की कप्तानी में ही टी-20 वर्ल्ड कप जीता। रोहित ने बतौर खिलाड़ी अपना पहला इंटरनेशनल टाइटल भी टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में ही जीता था। रोहित ने 2025 में फिर भारत को चैंपियंस ट्रॉफी भी जिताई। वे टीम को 2 एशिया कप भी जिता चुके हैं। ICC टूर्नामेंट में धोनी से बेहतर सक्सेस रेट भारत को ICC ट्रॉफी जिताने के मामले में रोहित शर्मा भारत के दूसरे बेस्ट कैप्टन रहे। एमएस धोनी ने टीम को 3 अलग-अलग ICC ट्रॉफी जिताई। हालांकि, सभी टूर्नामेंट मिलाकर जीत परसेंटेज के मामले में रोहित धोनी से भी आगे रहे। रोहित की कप्तानी में भारत ने 35 ICC मैच खेले और महज 6 गंवाए। यानी भारत को करीब 83% मुकाबलों में जीत मिली। दूसरी ओर, धोनी की कप्तानी में भारत ने 11 ICC टूर्नामेंट खेले, 3 जीते और 1 बार फाइनल गंवाया। 7 बार टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकी। इस दौरान टीम का विनिंग परसेंटेज 73% रहा। टेस्ट में फीकी चमक के साथ रिटायर हुए टेस्ट में भी रोहित का करियर बहुत देर से चमकना शुरू हुआ। 2013 में रोहित ने टेस्ट डेब्यू किया और 2 शतक लगा दिए। 2018 तक वे टेस्ट टीम में भी फिट नहीं हो सके। 2019 में उन्होंने यहां भी ओपनिंग करनी शुरू कर दी। 2020 में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करना शुरू किया, 2021 में इंग्लैंड जाकर उन्होंने शतक लगाया और ओपनिंग पोजिशन को अपना बना लिया। रोहित किसी तरह टेस्ट माइंडसेट को समझ ही पाए थे कि 2022 में उन्हें इस फॉर्मेट का कप्तान बना दिया गया। 2023 में टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में हार का सामना करना पड़ गया। 2024 में टीम घरेलू मैदान पर ही न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से सीरीज हार गई। टीम ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी नहीं जीत सकी। रोहित कप्तानी के साथ बतौर प्लेयर भी दोनों सीरीज में फेल रहे। 2025 की मई में इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम अनाउंस होनी थी, जिसमें उन्हें कप्तानी से हटाए जाने की अटकलें थीं। टीम अनाउंस होने से पहले ही 7 मई को उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। रोहित ने 29 जून 2024 को टी-20 से भी संन्यास लिया था। वे अब कोहली की तरह सिर्फ वनडे क्रिकेट खेलते हैं। दोनों ही दिग्गज खिलाड़ियों का फोकस अब 2027 के वनडे वर्ल्ड कप को जीतने पर है।