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    बिना इंक्रीमेंट के 1 लाख से ज्यादा बढ़ गई सैलरी, जानें रुपये-डॉलर के खेल में कैसे हो गया इतना बड़ा हेरफेर?

    4 weeks ago

    Dollar vs Rupees: भारतीय करेंसी रुपये में पिछले कुछ दिनों से जारी गिरावट पर ब्रेक लगा है. शुक्रवार 26 सितंबर 2025 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले आज रुपये में छह पैसे की बढ़त दर्ज की गई. इसी के साथ आज भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.70 के स्तर पर पहुंच गया. कल गुरुवार को रुपया सीमित दायरे में कारोबार करते हुए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसे बढ़कर 88.68 पर बंद हुआ. H1-B वीजा की फीस बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने भी रुपये पर दबाव डाला.

    गुरुवार को भी रुपये में आई गिरावट 

    हालांकि, अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर हो रही बातचीत को लेकर मिले-जुले संकेतों और अमेरिकी ब्याज दरों में आगे कटौती को लेकर बनी निश्चितता के बीच गुरुवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और H1-B वीजा की फीस बढ़ाए जाने की चिंता के बीच बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 555.95 अंक या 0.68 प्रतिशत गिरकर 81,159.68 पर बंद हुआ, जो लगातार पांचवें सत्र में गिरावट का कारण बना. वहीं,  एनएसई निफ्टी इंडेक्स भी  166.05 अंक या 0.66 प्रतिशत टूटकर 24,890.85 पर बंद हुआ. 

    रुपये में अब तक आई इतनी गिरावट

    हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 25 सितंबर को भी रुपया डॉलर के मुकाबले 7 पैसे गिरकर 87.60 पर बंद हुआ था. हालांकि, शुरुआती कारोबार में रुपया 14 पैसे की बढ़त के साथ खुला. चालू वित्त वर्ष में रुपया अब तक 2.15 प्रतिशत और 2025 में 2.30 प्रतिशत गिर चुका है. हालांकि, अगस्त में, डॉलर के मुकाबले इसने लगभग 0.20 प्रतिशत की बढ़त भी हासिल की थी.

    बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, LKP सिक्योरिटीज में वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटी एवं करेंसी) जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयर बेच रहे हैं. भारतीय बाजार में ये शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं, इससे निवेशकों का धारणा कमजोर हुआ है. साथ ही भारत पर अमेरिकी टैरिफ के रुख को लेकर चिंताओं ने भी रुपये में तेजी की संभावना को और कम कर दिया है.

    सैलरी का क्या है हिसाब-किताब? 

    ऐसे में मान लीजिए कि अगर इस साल की शुरुआत में भारत का कोई व्यक्ति अमेरिका में 500000 डॉलर की नौकरी करता था, तो रुपये में 2.30 प्रतिशत की गिरावट से पहले भारत में उसकी सैलरी 43,33,484 रुपये के करीब थी. अब रुपये में सितंबर तक आई 2.30 प्रतिशत गिरावट के साथ भारत में उसकी सैलरी 1, 02,016.5 रुपये बढ़कर 44, 35, 500 रुपये के आसपास होगी. यानी कि इस साल बिना बढ़े वह भारत में अपनी सैलरी में एक लाख से ऊपर की बढ़त हासिल कर ली.

     

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