SEARCH

    Select News Languages

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    vagadlive
    vagadlive

    ब्रेस्ट कैंसर से डरें नहीं, समय पर कराएं इलाज:जोधपुर एम्स के डॉक्टर बोले हेल्दी फूड, लाइफस्टाइल में बदलाव से पा सकते छुटकारा

    1 week ago

    भारत में आंकड़ों के अनुसार हर चार महिलाओं में से एक महिला को ब्रेस्ट का कैंसर पाया जाता है, लेकिन इस रोग से घबराने के बजाय बेहतर इलाज के साथ इससे बचाव किया जा सकता है। ये कहना है एम्स जोधपुर के कैंसर रोग विभागाध्यक्ष और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. जीवन राम विश्नोई का। उन्होंने बताया कि जागरूकता ही जीवन बचाने की पहली सीढ़ी है। भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। आंकड़ों के मुताबिक, यह हर चार महिलाओं में एक कैंसर के रूप में पाया जाता है। लेकिन कई महिलाएं डर, सामाजिक कलंक या जानकारी की कमी के कारण देर से अस्पताल पहुंचती हैं। डॉक्टर विश्नोई बताते हैं कि घर पर स्वयं ब्रेस्ट परीक्षण, डॉक्टर से क्लिनिकल जांच और 40 वर्ष के बाद मैमोग्राफी जैसे आसान कदम रोग को शुरुआती चरण में पकड़ सकते हैं। समय पर पहचान से इलाज में होगा लाभ उन्होंने कहा कि समय पर पहचान होने पर इलाज की सफलता दर 90% से भी ज्यादा हो सकती है। इसके लिए शुरुआती संकेतों को नजर अंदाज न करें। ब्रेस्ट या बगल में गांठ या मोटापन, ब्रेस्ट के आकार या बनावट में बदलाव, निप्पल का उलटना या स्राव, त्वचा पर लालिमा, धब्बे या छालापन, इनमें से कोई भी बदलाव दिखाई दे तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें। जीवनशैली में सुधार से खतरा कम रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत पारीक ने बताया- कुछ जोखिम कारक बदले नहीं जा सकते, लेकिन जीवनशैली सुधार से खतरा कम होता है। ब्रेस्ट कैंसर से बचने के उपाय परिवार में इस रोग का इतिहास हो तो आनुवंशिक जांच भी करवानी चाहिए। आज ब्रेस्ट कैंसर का इलाज रेडिकल सर्जरी से आगे बढ़ चुका है। अब ब्रेस्ट-संरक्षण, सटीक चिकित्सा और पुनर्निर्माण के बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं। कई महिलाएं मास्टेक्टॉमी के बाद पुनर्निर्माण का विकल्प चुनती हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता दोनों लौटते हैं। शिक्षा और जागरूकता ही कैंसर से लड़ने का सबसे मजबूत हथियार डॉ. प्रमोद कुमार (मेडिकल ऑन्कोलॉजी) ने बताया कि शिक्षा और जागरूकता ही इस रोग से लड़ने का सबसे मजबूत हथियार है। इस महीने अस्पताल, एनजीओ और सर्वाइवर कैंप लगा रहे हैं, ताकि महिलाएं खुलकर परीक्षण और उपचार करा सकें। समय पर कदम न सिर्फ जिंदगी बचाते हैं, बल्कि उसे बेहतर भी बनाते हैं।
    Click here to Read more
    Prev Article
    एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट, 241 पदों पर भर्ती एग्जाम शुरू:अजमेर-जयपुर में बनाए सेंटर पर 59% उपस्थिति, चेकिंग के बाद मिली एंट्री
    Next Article
    मूंग की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान:2.16 लाख हेक्टेयर में हुई बिजाई, पोर्टल पर गिरदावरी अपलोड न होने से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया रुकी

    Related Rajasthan Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment